मंडी में खुले में रखा था गेहूं, प्रशासन की लापरवाही
भोपाल । मालवा अंचल में कई क्षेत्रों में कल रात हुई बारिश से खुले में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया। प्रशासन ने मौसम को देखते हुए भी पानी से गेहूं को बचाने के पयाप्त इंतजाम नहीं किए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सोमवार शाम कई स्थानों पर बारिश हुई। झाबुआ के पेटलावद मंडी में खुले में रखा गेहूं भीग गया। घुघरी में घरों में पानी घुसने से परेशानी हुई। खेतों में पड़ा भूसा गीला हो गया। बड़वानी के गांव बोकराटा में आंधी के साथ हुई बारिश से करीब पांच घरों के टीन शेड उड़ गए। धार के फूलगांवड़ी खरीदी केंद्र में खुले में पड़ा करीब 15 हजार क्विंटल और राजगढ़ मंडी में सैकड़ों क्विंटल गेहूं भीग गया। बदनावर, खिलेड़ी और नागदा में भी खुले मेंर खा गेहूं गीला हो गया। रतलाम शहर सहित अंचल में जोरदार बारिश होने से मंडियों और समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर खुले में पड़ी हजारों क्विंटल उपज भीग गई। आंधी से कई स्थानों पर पेड़ गिर गए। कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति बाधित हुई। नीमच के रामपुरा, मनासा और बुरहानपुर में भी बारिश हुई। मनासा मंडी में खुले में रखी चने की चार हजार बोरियां भीग गईं। उधर सिया खरीदी केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए कतार में वाहन के साथ लगे अमोना निवासी किसान जयराम मंडलोई की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मंडलोई 30 मई की सुबह खरीदी कें द्र पर दो वाहनों में उपज लेकर पहुंचे थे। 31 मई की देर रात अचानक उन्हें सीने में दर्द हुआ। तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके पूर्व 25 मई को आगर जिले के तनोड़िया उपार्जन केंद्र पर तौल करवाते समय किसान प्रेम सिंह की तबीयत खराब हो गई थी। अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। सोनकच्छ एसडीएम अंकिता जैन सहित अन्य अधिकारियों ने किसान के घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की।