भोपाल के एक एमआरआई सेंटर के कर्मचारी के मोबाइल से महिलाओं के 24 अश्लील वीडियो मिले हैं। ये वीडियो उसने खुद बनाए हैं। आरोपी को कोर्ट से बुधवार (25 दिसंबर) को जमानत मिल गई। पुलिस ने उसे 19 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी 3 साल पहले अयोध्या से भोपाल आया था।
शहर के मालवीय नगर के एमआरआई सेंटर मेडी स्कैन में उसे बिना पुलिस वेरिफिकेशन नौकरी पर रखा गया था। पुलिस अब एमआरआई सेंटर के संचालक की भूमिका की भी जांच कर रही है। उसके बयान नहीं हो सके हैं। आरोपी विशाल ठाकुर लेडीज चेंजिंग रूम की फॉल सीलिंग के बीच मोबाइल छिपाकर वीडियो रिकॉर्ड करता था।
वीडियो किसी से शेयर नहीं किए पुलिस ने सीएमएचओ को लेटर लिखकर जानकारी मांगी गई है कि मेडी स्कैन सेंटर कब से चल रहा था। इस दौरान सेंटर का कितनी बार इंस्पेक्शन हुआ। पीड़ित पक्ष के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। बारी-बारी से सेंटर के स्टाफ के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं।
पुलिस की अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि किसी दूसरे कर्मचारी की इस मामले में भूमिका नहीं है। आरोपी के मोबाइल की टेक्निकल जांच में यह भी साफ हो चुका है कि उसने वीडियो किसी दूसरे को कभी शेयर नहीं किया। पूछताछ में भी उसने खुद के देखने के लिए वीडियो बनाने की बात स्वीकार की है।
मां-पिता नहीं, बहन के घर रह रहा विशाल ठाकुर मूल रूप से अयोध्या का रहने वाला है। वह तीन साल से भोपाल की पुरानी विधानसभा के पास अपनी बहन के घर रह रहा है। उसके माता-पिता का निधन हो चुका है। वह एमआरआई सेंटर में हाउस कीपिंग का काम करता था। इससे पहले किसी और संस्थान में गार्ड का काम करता था। विशाल अविवाहित है।
अरेरा हिल्स थाना प्रभारी मनोज पटवा के मुताबिक, मेडी स्कैन सेंटर के ऑनर की भूमिका की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि बिना पुलिस वैरिफिकेशन के आरोपी को नौकरी पर रखा गया था। ऑनर के बयान अभी दर्ज नहीं किए जा सके हैं।
महिला ने देख लिया था मोबाइल कैमरा
जहांगीराबाद इलाके में रहने वाले महिला ने एमआरआई सेंटर मेडी स्कैन के चेंजिंग रूम में मोबाइल कैमरा देख लिया था। मोबाइल फॉल सीलिंग के बीच छिपाकर रखा गया था। वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन थी। महिला ने यह बात पति को बताई। जब उसने यह मोबाइल उठाया, तब तक 27 मिनट की रिकार्डिंग हो चुकी थी।