भोपाल पुलिस कमिश्नर के नाम से फर्जी आईडी बनाकर ठगी के मामले में 6 आरोपी पकड़े जा चुके हैं। इनमें दो ठग और चार वो आरोपी हैं, जो फर्जी ढंग से जारी सिम ठगों तक पहुंचा रहे थे। साइबर क्राइम विंग को अब असलम की तलाश है। इस केस में यह सबसे अहम कड़ी है। असलम ठगी करने वाले गिरोह के सीधे संपर्क में था और सिम गिरोह तक पहुंचाता था। इसका खुलासा विदिशा से गिरफ्तार किए गए सोनू कुर्मी ने पूछताछ में किया है।
जांच अधिकारी ने बताया कि सोनू से असलम की मुलाकात विदिशा में एक चाय की दुकान पर हुई थी। असलम को फर्जी सिम की तलाश थी और सोनू फर्जी ढंग से निकाली गईं सिम बेचने की फिराक में था। सोनू से सिम लेकर असलम गिरोह तक पहुंचा था। यह सिम पीओएस एजेंट आकाश नामदेव एक्टिवेट करता था।
असलम कहां का रहने वाला है और वह किन-किन गिरोह के संपर्क में है। पुलिस इसका पता कर रही है। मोबाइल नंबर और खाता नंबर के आधार पर असलम की कुंडली खंगाली जा रही है। बता दें मंगलवार को साइबर क्राइम विंग ने फर्जी ढंग से सिम गिरोह तक पहुंचाने वाले आकाश, राहुल पंथी, विवेक रघुवंशी और सोनू को गिरफ्तार किया है।
राजस्थान-हरियाणा तक में सक्रिय ठगों को उपलब्ध कराई सिम पुलिस कमिश्नर की फर्जी आईडी बनाने वाले शकील को पुलिस राजस्थान के अलवर से गिरफ्तार कर चुकी है। इस आधार पर कयास लगाया जा रहा है, असलम ने राजस्थान और हरियाणा में सक्रिय ठगों तक मप्र से एक्टिवेट हुईं सिम पहुंचाई हैं। गिरोह 150 सिम ठगों तक पहुंचा चुका है। इन सिम का उपयोग कहां-कहां हुआ। पुलिस इसका पता कर रही है।