मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड से लोगों को अगले 4 से 5 दिन तक थोड़ी राहत मिल सकती है। मौसम विभाग ने बुधवार से दिन और रात के टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी होने का अनुमान जताया है। हालांकि, कुछ जिलों में कोहरे का असर रह सकता है। बुधवार सुबह ग्वालियर-चंबल में कोहरा छाया रहा।
मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया, शीतलहर और कोल्ड डे यानी, ठंडे दिन की कंडीशन खत्म हो गई है। चार से पांच दिन तक टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी रहेगी। जिससे ठंड का असर कम रहेगा। उत्तर भारत में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के गुजरने के बाद बर्फबारी होगी। जिससे उत्तरी हवाएं फिर से चलने लगेंगी। इसके बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से आएगा।
आज इन जिलों में कोहरा ग्वालियर, दतिया, मुरैना, भिंड में कोहरा रहेगा। शिवपुरी के कुछ हिस्से में भी हल्का कोहरा रह सकता है।
भोपाल में 4 डिग्री, ग्वालियर-जबलपुर में 5 डिग्री पारा सोमवार-मंगलवार की रात में कई शहरों में रात के टेम्प्रेचर में गिरावट दर्ज की गई। इकलौते हिल स्टेशन पचमढ़ी में पारा 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस वजह से यह शिमला, नैनीताल, जम्मू शहर, कटरा, धर्मशाला, पालमपुर, देहरादून से भी ठंडा रहा।
भोपाल में 4 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। ग्वालियर-जबलपुर में 5 डिग्री, जबकि इंदौर में 10.6 डिग्री और उज्जैन में 8 डिग्री दर्ज किया गया। पचमढ़ी के अलावा मंडला, उमरिया, नौगांव, राजगढ़, खजुराहो में भी कड़ाके की ठंड रही। मंडला-उमरिया में 3 डिग्री, नौगांव में 3.8 डिग्री, राजगढ़ में 4.4 डिग्री दर्ज किया गया। टीकमगढ़, रायसेन, रीवा, छिंदवाड़ा, मलाजखंड और सतना में तापमान 7 डिग्री से नीचे रहा। हालांकि, मंगलवार को दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है।
इस बार रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड, जनवरी से भी ठंडा रहा दिसंबर इस बार ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। पिछले 9 दिन से शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं।
इस वजह से कड़ाके की ठंड सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है।
दूसरे पखवाड़े में 25 दिसंबर से फिर तेज ठंड इस साल दिसंबर की सर्दी ने ट्रेंड बदल दिया है। पिछले 10 साल का रिकॉर्ड और ट्रेंड देखें तो दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में कड़ाके की ठंड पड़ती रही है लेकिन इस बार पहले ही पखवाड़े में तेज सर्दी का असर है। भोपाल और इंदौर की रात तो पिछले 2 साल में सबसे ठंडी रही हैं यानी दिसंबर की ठंड का रिकॉर्ड टूट गया है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में भी कड़ाके की ठंड ही रहेगी।
नवंबर में भी सर्दी तोड़ चुकी रिकॉर्ड बता दें कि नवंबर में भी सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। अब दिसंबर में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड...
भोपाल में 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड भोपाल में दिसंबर में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। हालांकि, इस बार बारिश नहीं हुई, लेकिन लगातार सात दिन से शीतलहर और कोल्ड डे (ठंडा दिन) जैसी स्थिति है। वहीं, रात के पारे में जबरदस्त गिरावट हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है, लेकिन 15-16 दिसंबर की रात में यह 3.3 डिग्री दर्ज किया गया। यानी, पिछले 10 साल में तो पारा सबसे कम रहा ही, साथ में ओवरऑल रिकॉर्ड के करीब भी है।
इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा पारा इंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 10.1 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है।
31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी।