नई दिल्ली: अनिल अंबानी की रिलायंस पावर और उसकी सहयोगी कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस पर बड़ा आरोप लगा है। सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने इन कंपनियों को फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के आरोप में नोटिस भेजा है। रिलायंस पावर को कारण बताओ नोटिस में पूछा गया है कि फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के लिए कंपनी और उसकी इकाई के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। देश की टॉप रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी सेकी ने पिछले हफ्ते अपनी बोलियों में फर्जी दस्तावेज जमा करने को लेकर रिलायंस पावर और उसकी इकाई रिलायंस एनयू बीईएसएस को उसके टेंडर में भाग लेने से रोक दिया था।
रिलायंस पावर का क्या है कहना?
इस बीच, रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि वह ‘धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े’ की साजिश का शिकार रही है। रिलायंस पावर ने कहा, ‘इस संबंध में 16 अक्टूबर, 2024 को तीसरे पक्ष के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के पास एक आपराधिक शिकायत पहले ही दर्ज कराई जा चुकी है। इसके आधार पर 11 नवंबर, 2024 को एफआईआर दर्ज की गई है। मामला जांच के अधीन है। कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।’
आखिर पूरा मामला है क्या?
सेकी ने 13 नवंबर को जारी एक नोटिस में कहा कि बोली के तहत एक विदेशी बैंक गारंटी के रूप में फर्जी दस्तावेज जमा किए गए। बोली के तहत जमा बैंक गारंटी रिलायंस एनयू बीईएसएस लि. (जिसे महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लि. के नाम से जाना जाता है) ने दी थी, वह फर्जी थी।
सेकी ने नोटिस में कहा, ‘बोलीदाता ने फर्जी बैंक गारंटी को उसके नकली दस्तावेज के समर्थन के साथ बार-बार जमा किया। यह माना जा सकता है कि यह काम जानबूझकर किया गया। इसका उद्देश्य टेंडर प्रक्रिया को खराब करना और धोखाधड़ी के जरिये प्रोजेक्ट को हासिल करना था।’
सेकी ने रिलायंस पावर और रिलायंस एनयू बीईएसएस को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके जरिये उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि धोखाधड़ी और फर्जी कामों को देखते हुए उनके खिलाफ आपराधिक ऐक्शन क्यों नहीं शुरू करना चाहिए।’
टेंडर में भाग लेने से लगी रोक
नोटिस के अनुसार, रिलायंस एनयू बीईएसएस ने फर्स्ट रैंड बैंक की मनीला (फिलिपीन) शाखा की तरफ से जारी बैंक गारंटी को जमा किया। मामले की विस्तार से जांच करने पर उक्त बैंक की भारतीय शाखा ने पुष्टि की कि फिलिपीन में बैंक की ऐसी कोई शाखा नहीं है। इस आधार पर सेकी ने निष्कर्ष निकाला कि प्रस्तुत बैंक गारंटी फर्जी थी।
सेकी ने छह नवंबर को ‘फर्जी दस्तावेज’ जमा करने को लेकर रिलायंस पावर और रिलायंस एनयू बीईएसएस को सेकी की निविदाओं में भाग लेने से तीन साल के लिए प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। यह मामला रिलायंस पावर और रिलायंस एनयू बीईएसएस के लिए बड़ा झटका है। देखना होगा कि कंपनियां SECI के नोटिस का क्या जवाब देती हैं।