नई दिल्ली: यूरोप के सबसे अमीर व्यक्ति बर्नार्ड अरनॉल्ट ने एलन मस्क की 'एक्स' पर मुकदमा दायर किया है। अरनॉल्ट का दावा है कि एक्स उनके अखबारों के कंटेंट का इस्तेमाल बिना भुगतान के कर रही है। इस दिग्गज के लग्जरी साम्राज्य एलवीएमएच के पास ले पेरिसियन और लेस इकोस अखबार हैं। यह खबर द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में सामने आई है।रिपोर्ट के मुताबिक, LVMH नाम के अरनॉल्ट के लग्जरी साम्राज्य के दो फ्रांसीसी अखबार 'ले पेरिसियन' और 'लेस इकोस' इस मुकदमे का हिस्सा हैं। 'ले फिगारो' और 'ले मोंडे' दो अन्य दैनिक समाचार पत्र भी इस मुकदमे का समर्थन कर रहे हैं।
इनका दावा है कि 2019 के एक यूरोपीय निर्देश के तहत इन अखबारों को भुगतान मिलना चाहिए। ये निर्देश अखबारों, पत्रिकाओं या प्रेस एजेंसियों को डिजिटल दिग्गजों की ओर से उनके कंटेंट का रीयूज किए जाने पर पारिश्रमिक की अनुमति देते हैं।
एलन मस्क की एक्स पर और क्या आरोप?
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि गूगल और मेटा के उलट X ने कभी भी फ्रांसीसी समाचार प्रकाशकों के साथ बातचीत करने पर सहमति नहीं जताई। यह मामला दुनिया के दो सबसे अमीर व्यक्तियों को कोर्टरूम में आमने-सामने खड़ा करने वाला है।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, एलन मस्क वर्तमान में 319 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। वहीं, बर्नार्ड अरनॉल्ट 164 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के पांचवें और यूरोप के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
हालांकि, लुई वीटन, क्रिश्चियन डायर और गिवेंची जैसे ब्रांड चलाने वाले अरनॉल्ट ने हाल के वर्षों में कई बार दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में मस्क के साथ स्थान बदला है।
अरनॉल्ट की संपत्ति घटी, मस्क की बढ़ी
इंडेक्स के अनुसार, साल-दर-साल अरनॉल्ट की संपत्ति में 43.4 अरब डॉलर की गिरावट आई है। यह मुख्य रूप से एक महत्वपूर्ण बाजार, चीन से लग्जरी वस्तुओं की मांग कमजोर होने के कारण था। इसके उलट इंडेक्स के अनुसार, साल-दर-साल मस्क की संपत्ति में 90.0 अरब डॉलर की वृद्धि हुई। इसमें से बहुत बड़ा फायदा हाल ही में हुआ है। रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल फिर से अमेरिकी चुनाव जीता है। मस्क उनके सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे।
यह मुकदमा पेरिस न्यायिक अदालत की ओर से एक्स को टेलीरामा, कूरियर इंटरनेशनल, ले हफिंगटन पोस्ट, मालेशेर्बेस पब्लिकेशन्स और ले नोवेल ऑब्स सहित फ्रांसीसी प्रकाशकों के एक समूह को व्यावसायिक डेटा प्रदान करने के लिए बाध्य करने के दो महीने बाद आया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अखबारों ने दावा किया है कि एक्स ने अब तक इसका अनुपालन नहीं किया है।