नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने असाही इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और उसके एक वरिष्ठ अधिकारी पर ग्लोबल डिपॉजटरी रिसीट्स (जीडीआर) में जारी करने में गड़बड़ी के लिए 11 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। लक्ष्मीनारायण राठी कंपनी के प्रबंध निदेशक है। सेबी के अनुसार असाही अप्रैल, 2009 में जीडीआर निर्गम लेकर आई थी। पैन एशिया एडवाइजर्स जीडीआर निर्गम की बुक रनिंग लीड मैनेजर थी। जांच में यह तथ्य सामने आया कि अरुण पंचारिया ने विंटेज एफजेडई द्वारा कंपनी के जीडीआर के लिए ऋण का प्रबंध किया। इस कंपनी में वह प्रबंध निदेशक और 100 प्रतिशत शेयरधारक थे। पंचारिया पैन एशिया के संस्थापक निदेशक और 100 प्रतिशत शेयरधारक थे। असाही ने इसके बदले में पंचारिया को यह राशि जुटाने में मदद की और यूरम बैंक से करार किया और विंटेज द्वारा लिए गए कर्ज के लिए गारंटी उपलब्ध कराई। उसके बाद पंचारिया ने कुछ विदेशी संस्थागत निवेशकों की मदद से जीडीआर को शेयरों में बदला और अपने से जुड़ी इकाइयों की मदद से भारतीय प्रतिभूति बाजारों में बेच दिया। इसके अतिरिक्त कंपनी द्वारा मांगी गई कुछ सूचना उपलब्ध कराने में विफल रही। साथ ही उसने गलत जानकारी उपलब्ध कराई। असाही बीएसई को तिमाही ब्योरे में बकाया जीडीआर का खुलासा करने में विफल रही। बाजार नियमों के विभिन्न उल्लंघनों के लिए सेबी ने कंपनी पर 10.15 करोड़ रुपए और राठी पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।