नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडाणी का मानना है कि भारत पर दांव लगाने का इससे अच्छा समय नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि दर में हालिया गिरावट के बावजूद भारत दुनिया का प्रमुख उपभोग केंद्र होगा। साथ ही अगले कई दशक तक भारत दुनिया का विनिर्माण और सेवाओं का प्रमुख केंद्र रहेगा। बीते वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत पर आ गई है, जो इसका करीब एक दशक का निचला स्तर है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों के साथ भारतीय रिजर्व बैंक का भी अनुमान है कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट आएगी। अडाणी गैस की वार्षिक रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि कोई भी विचार पूरी तरह सही या गलत नहीं हो सकता। आज इस संकट के समय जरूरत ऐसी सरकार की है जो उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर निर्णय ले सके। साथ ही नई सूचनाएं आने पर खुद को उसके अनुकूल ढाल सके। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से पैदा हुए संकट के बीच भारत ने अच्छा काम किया है। वहीं अधिक संसाधनों वाले देशों को संघर्ष करना पड़ा है। इस वायरस से लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है, लेकिन मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि जो फैसले लिए गए हैं, यदि उनमें विलंब होता, तो आज हमारे सामने बड़ी आपदा खड़ी हो जाती, जिसका न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया पर असर पड़ता। अडाणी ने कहा कि इस महामारी की वजह से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जीवन और नौकरियों पर संकट आया है। प्रवासी मजदूरों के संकट से पूरा देश दुखी है। लेकिन कुछ अज्ञात विकल्पों के परिणाम तो और बुरे होते। अडाणी ने कहा कि इस संकट के समय जिस तरह देश के नेताओं, चिकित्सकों, स्वास्थ्य सेवा कर्मियों, पुलिस, सेना, रेहड़ी-खोमचों वालों और नागरिकों ने एक-दूसरे को समर्थन दिया है, वह सराहनीय है।