खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ससुरालजनों ने आयकर विभाग के समन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि विभाग को समन जारी करने का अधिकार ही नहीं है। विभाग ने समन भेजने से पहले न तो कोई नोटिस दिया और न ही अन्य जानकारी मांगी।
यह समन 50 एकड़ से अधिक जमीन मंत्री राजपूत के परिजनों को गिफ्ट में दिए जाने के मामले को लेकर जारी किया गया था। पिछली 2 पेशी में हाईकोर्ट ने अपील करने वालों के पक्ष को यह कहकर खारिज कर दिया है कि आयकर विभाग समन जारी कर सकता है। समन जारी करने में आयकर विभाग ने नियमों के आधार पर काम किया है। 10 मार्च को इस मामले में फाइनल हियरिंग है। कोर्ट याचिका पर फैसला दे सकता है।
गिफ्ट करना था तो पहले से मौजूद प्रॉपर्टी करते
आयकर विभाग ने दायर याचिका के मामले में कोर्ट में जवाब पेश किया। जिसमें बताया कि अगर ससुराल पक्ष के लोगों को जमीन गिफ्ट करना था तो वे अपने पास पहले से मौजूद प्राॅपर्टी गिफ्ट करते थे। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है।
बताया जाता है कि इसी तर्क में मंत्री के ससुराल वालों का पक्ष कमजोर पड़ा है। आयकर विभाग की बेनामी विंग ने भूमि दान करने वालों के खातों को भी ट्रेस किया है और उनके आय-व्यय का पूरा हिसाब खंगाल लिया है।
गिफ्ट में मिली जमीन का ऐसा है लेखा-जोखा अब तक आयकर टीम को मंत्री के साले हिमांचल सिंह राजपूत, उनकी पत्नी और बेटे की करीब 195 एकड़ जमीन मिली है। इसमें 50 एकड़ के करीब वह जमीन भी शामिल है, जो गोविंद सिंह, उनकी पत्नी और बेटे को दान में दी गई या उन्हें बेची गई। जब इसकी शिकायत हुई तो रिश्तेदारों ने जो जमीन मंत्री और उनकी पत्नी को दान में दी थी, उसे वापस कर दिया गया।
एक अप्रैल 2022 के पहले की प्राॅपर्टी की पड़ताल
आयकर विभाग ने मंत्री राजपूत के साले हिमांचल सिंह राजपूत, करतार सिंह राजपूत समेत सविता बाई राजपूत, प्रथमेश राजपूत और शुभम के नाम पर 1 अप्रैल 2022 से पहले जितनी भी संपत्ति पंजीबद्ध है, उसी की पड़ताल की है। इस जमीन पर 10 साल में कौन-कौन सी फसल उगाई गईं, पैदावार से जुड़ा दस्तावेज भी आयकर विभाग ने जुटा लिया है।