नौकरी छोड़ गांव से शुरू किया ये काम, अब 5 करोड़ का बिजनेस, शार्क टैंक के जज भी चौंक गए

Updated on 22-11-2024 02:08 PM
नई दिल्‍ली: हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के बंगाणा गांव के 23 वर्षीय अंकुश बरजाता ने कम उम्र में ही बिजनेस में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। उन्होंने लाखों की नौकरी छोड़कर अपनी ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी 'दीवा' शुरू की। 'दीवा' अब करोड़ों का सालाना कारोबार करती है। अंकुश हाल में 'शार्क टैंक इंडिया' शो में भी दिखासई दिए। उनके अनोखे बिजनेस मॉडल ने शार्क टैंक के जजों अमन गुप्ता, राधिका गुप्ता और रितेश अग्रवाल को बहुत प्रभावित किया। तीन जजों से उन्‍होंने 2 करोड़ रुपये की डील झटकी। आइए, यहां अंकुश बरजाता की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

बचपन में देखी गरीबी

हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव बंगाणा से काम करते हुए अंकुश बरजाता ने 5 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर सभी को चौंका दिया है। अंकुश का सफर आसान नहीं था। उन्‍होंने बचपन में कई मुश्किलें देखीं। उनके दादा कपड़े बेचकर परिवार का गुजारा करते थे। मां भी घर चलाने में हाथ बंटाती थीं। अंकुश के दादा गांवों में सलवार कमीज बेचने वाले फेरीवाले थे। घर पर एक छोटी सी चाय की दुकान थी। सिर्फ एक ही बार भोजन करने को मिलता था। स्थिति इतनी दयनीय थी कि अंकुश की मां अपनी कलाइयों पर धागे लपेटती थीं। उनके पास चूड़ियां खरीदने तक के पैसे नहीं थे। 2004 में उनकी मां ने सिलाई की क्लास लेना और सूट बेचना शुरू कर दिया।

कुछ बड़ा करने की चाहत में छोड़ी नौकरी

अंकुश का जन्म 13 दिसंबर, 2000 को बंगाणा में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई राजकीय सीन‍ियर सेकेंड्री स्कूल बंगाणा से पूरी की। साल 2011 में घर की स्थिति में तब सुधार शुरू हुआ जब अंकुश के पिता रिटेल आउटलेट की नौकरी छोड़कर व्यवसाय में शामिल हो गए। अंकुश कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट हैं। नौकरी लगने पर उन्हें 26.28 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिला। लेकिन, कुछ बड़ा करने की चाहत में उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी। उन्‍होंने खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला लिया। साल 2020 में अंकुश ने 'दीवा' की शुरुआत की। यह एक ऐसा मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है जो देशभर के साड़ी निर्माताओं को सीधे ग्राहकों से जोड़ता है।

ऐसे आया आइडिया

दरअसल, अंकुश जब हैदराबाद की एक कंपनी में सेल्स और मार्केटिंग की नौकरी कर रहे थे, उन्‍हीं दिनों में काम के सिलसिले में उनकी मुलाकात एक साड़ी निर्माता से हुई। वह 300 रुपये में साड़ियां बेच रहे थे। उनसे बात करने के बाद उन्‍हें समझ आया कि जहां निर्माता 300 रुपये में साड़ी बनाते हैं, वहीं उसी को देश में 1,000 रुपये में बेचा जाता है। इसके बाद ही अंकुश ने अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया था। 'दीवा' के जरिये देशभर में करीब 60 प्रकार की साड़ियों की बिक्री की जाती है। कंपनी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। इसका सालाना कारोबार करीब पांच करोड़ रुपये का है।

शार्क टैंक में छा गए

कंपनी में अंकुश के साथ 100 से ज्‍यादा लोग काम करते हैं। इनमें ज्‍यादातर युवा हैं। अंकुश का मानना है कि युवाओं को रोजगार देना भी उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। शार्क टैंक इंडिया शो में 'दीवा' की सफलता ने कंपनी को एक नई पहचान दिलाई है। शो में आने के बाद कंपनी की वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ गया। 'दीवा' को शो में तीन जजों ने निवेश करने की पेशकश की।

Advt.

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 26 December 2024
नई दिल्ली: इस साल नवंबर में लोगों के क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च में 16% से ज्यादा की गिरावट आई है। अब ये खर्च महज 1.70 लाख करोड़ रुपये रह…
 26 December 2024
नई दिल्लीः दिल्ली के कई इलाकों में सुबह से ही घना कोहरा देखने को मिल रहा है। इसका असर ट्रांसपोर्ट सर्विस पर पड़ा है। दिल्ली आने-जाने वाली 18 ट्रेनें देरी से…
 26 December 2024
नई दिल्ली: बजट 1 फरवरी को पेश किया जाना है और उससे करीब 5 हफ्ते पहले सरकार ने नए रेवेन्यू सेक्रेटरी की नियुक्ति की है। अरुणीश चावला को यह जिम्मेदारी दी…
 26 December 2024
नई दिल्ली: अजरबैजान एयरलाइंस का एक विमान बुधवार को कजाखस्तान में हादसे का शिकार हुआ। इसमें 38 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 29 लोग घायल हो गए। यह विमान अजरबैजान…
 24 December 2024
नई दिल्‍ली: स्थानीय शेयर बाजार में पिछले पांच कारोबारी सत्रों से जारी गिरावट पर सोमवार को विराम लगा था। बीएसई सेंसेक्स करीब 500 अंक चढ़ा था। निचले स्तर पर शेयरों…
 24 December 2024
नई दिल्ली: देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर है। टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई का कहना है कि कंपनियों को वॉयस और एसएमएस पैक अलग से मुहैया करवाना होगा। इससे…
 24 December 2024
नई दिल्ली: GDP के % के रूप में भारत में बचत की दर यानी सेविंग्स रेट 30.2% है, जो ग्लोबल ऐवरेज 28.2% से अधिक है। बचत के मामले में भारत दुनिया…
 24 December 2024
नई दिल्ली: वे दिन अब लद गए जब बड़े ब्रांड के प्रोडक्ट सिर्फ दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में मिला करते थे। समझा जाता था कि छोटे शहरों में रहने वालों लोग…