नई दिल्ली। भारत के कई हिस्सों में जून के पहले सप्ताह में अपेक्षाकृत सर्द मौसम के कारण बिजली की मांग में जारी गिरावट और बढ़ गई। सालाना आधार पर इस साल मई में बिजली की मांग 8.8 प्रतिशत कम रही थी, जो जून के पहले सप्ताह में बढ़कर 19.7 प्रतिशत हो गई। मई की उत्तरार्द्ध में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के बाद देश भर में वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों की शुरुआत तथा गर्मियां बढ़ने के कारण बिजली की मांग में जून में तेजी आने की उम्मीद जगी थी। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जून के पहले सप्ताह में बिजली की शीर्ष मांग 138.28 गीगावाट (4 जून को) से 146.53 गीगावाट (6 जून को) के दायरे में रही। इस तरह आलोच्य सप्ताह के दौरान बिजली की शीर्ष मांग 146.53 गीगावट रही। यह पिछले साल जून में दर्ज 182.45 गीगावाट से 19.7 प्रतिशत कम है। किसी दिन के दौरान पूरे देश में किसी एक समय आपूर्ति की जा रही बिजली के शीर्ष स्तर को उस दिन के लिए बिजली की शीर्ष मांग कहा जाता है। इससे पहले मई में बिजली की शीर्ष मांग 26 मई को 166.42 गीगावाट दर्ज की गई। यह साल भर पहले के 182.55 गीगावाट से 8.82 प्रतिशत कम थी। इसी तरह अप्रैल में बिजली की शीर्ष मांग 25 प्रतिशत गिरकर 132.77 गीगावाट रही थी।