नई दिल्ली। बेरोजगारी की समस्या को लेकर जिस तरह की रिपोर्ट सामने आ रही है, वह डराने वाली है। ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन (एआईएमओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, 70 फीसदी एमएसएमईएस और 40 फीसदी कॉर्पोरेट खुद को बचाने के लिए बड़े स्तर पर छंटनी के बारे में विचार कर रहे हैं। ओवरऑल कैटिगरी में केवल 20 फीसदी कंपनियां हैं जो वर्तमान वर्कफोर्स को जारी रखना चाहती हैं। बेरोजगारी को लेकर इस तरह की रिपोर्ट चिंता का विषय है। एओएमओ ने यह रिपोर्ट 46,000 उत्तरदाताओं के जवाब के आधार पर तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त के अंत तक यह रिपोर्ट और ज्यादा भयावह हो सकती है। दो महीने बाद 1 जून से अनलॉक वन को शुरू किया गया और इसके जरिए आर्थिक गतिविधि में तेजी लाने की कोशिश की गई है। आने वाले कुछ समय में कंपनियों को पता चलेगा कि उनके पास कितना काम है, उसके हिसाब से वह फैसला लेंगी कि कितने वर्कफोर्स की जरूरत है। इसलिए आने वाले महीनों में बेरोजगारी के आंकड़ें और भयावह हो सकते हैं। संकट के बीच सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियम इकोनम (सीएमआईई) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मई के महीने में बेरोजगारी दर 23.48 फीसदी पर पहुंच गई। अप्रैल के महीने में यह 23.52 फीसदी रही थी।