नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली हितों के टकराव मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। विराट ने फरवरी 2019 में एक कंपनी में निवेश किया था, वहीं यह कंपनी अब भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की आधिकारिक साझेदार बन गयी है। यह कंपनी किट प्रायोजक है। भारतीय टीम के कप्तान को बेंगलुरू स्थित कंपनी गैलेक्टस फनवेयर टेक्नोलॉजी ने 33.32 लाख रुपये कंपलसरी कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (सीसीडी) आवंटित किए हैं। यह कंपनी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) का मालिकाना हक रखती है और विराट इसके ब्रांड एंबेडसर हैं। 17 नवंबर 2020 को बीसीसीआई ने एमपीएल स्पोर्ट्स को टीम इंडिया का नया किट स्पॉन्सर और आधिकारिक व्यापारिक साझीदार घोषित किया था। इसके तहत भारतीय पुरुष और महिला क्रिकेट टीम और अंडर 19 टीम एमपीएल जर्सी को सपोर्ट करेंगे। टीम इंडिया की जर्सी के अलावा एमपीएल स्पोर्ट्स लाइसेंस प्राप्त टीम इंडिया के दूसरे सामान को भी बेच पाएंगे। कोहली को जनवरी 2020 में एमपीएल का ब्रांड एंबेडसर बनाया गया था। उन्होंने पहले भी गेमिंग प्लेटफॉर्म का समर्थन किया था.
वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, जब फरवरी 2019 में कोहली को गैलेक्टस कंपनी ने सीसीडी जारी किए थे तो उन्होंने कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को भी 16.66 लाख रुपये के 34 सीसीडी जारी किए थे। कॉर्नरस्टोन के सीईओ अमित अरुण सजदेह कप्तान कोहली के साथ दो अन्य फर्म में भी भागीदार हैं जिसका नाम मैग्पी वेंचर्स पार्टनर्स प्राइवेट लिमिटेड और विराट कोहली स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड है। इसके अलावा सजदेह और कोहली का एक और लिंक है. कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड जिसमें सजदेह डायरेक्टर हैं वह कोहली के कर्मशियल राइट्स का प्रबंधन करती है।