नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया दौरे में अच्छे प्रदर्शन के बाद भी अपनी धीमी बल्लेबाजी के लिए निशाने पर रहने वाले बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि कई बार मैदान पर टिके रहना भी रन बनाने से ज्यादा अहम होता है। पुजारा का मानना है कि स्ट्राइक रेट को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया जाता है। इस बल्लेबाज ने हाल के ऑस्ट्रेलिया दौरे में विपरीत हालातों में अपने प्रदर्शन से टीम को संभाला। ऐसे में वह 29.20 की स्ट्राइक रेट से बनाये अपने 271 रनों को अहम मानते हैं। पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ आगामी श्रृंखला में जैव सुरक्षित वातावरण में जाने से पहले कहा, ‘‘दोनों दौरे टीम के लिये शानदार रहे और निजी तौर पर मैंने दोनों दौरों में अच्छा प्रदर्शन किया पर परिस्थितियां पूरी तरह से अलग थी। मैंने लगभग आठ महीने बाद (कोविड-19 के कारण) वापसी की। इस बीच कोई प्रथम श्रेणी मैच भी नहीं हुआ।' पुजारा ने ब्रिसबेन में अंतिम टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण का पूरी ताकत से सामना किया और कई गेंदें शरीर पर भी झेली। पुजारा ने कहा, ‘तैयारियों के लिहाज से यह आसान नहीं था और मेजबान टीम हमारे में से प्रत्येक खिलाड़ी के लिये तय रणनीति के साथ उतरी थी। लय हासिल करने में थोड़ा समय लगा पर सौभाग्य से अंत में सब कुछ सकारात्मक रहा।' उन्होंने कहा, ‘आंकड़ों के लिहाज से यह बहुत बहुत अच्छी श्रृंखला नजर नहीं आ रही हो पर अगर आप पिचों पर गौर करो तो इस बार बहुत अधिक रन नहीं बने। निसंदेह यह पिछली बार की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण था।'
भारत की तरफ से अब तक 81 टेस्ट मैच खेलने वाले पुजारा ने कहा कि दो साल पहले खेली गई 1258 गेंदों की तुलना में इस बार उन्होंने जिन 928 गेंदों का सामना किया वह चुनौतीपूर्ण तेज गेंदबाजी आक्रमण, पिचों की प्रकृति और भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण अधिक मायने रखती है। पुजारा ने कहा, ‘दोनों दौरों की तुलना करना बहुत मुश्किल है लेकिन यह दौरा विशेष था क्योंकि हमारी टीम कमजोर थी और कई युवा खिलाड़ी खेल रहे थे। वैसे मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि केवल यही सर्वश्रेष्ठ श्रृंखला थी जिसका मैं हिस्सा रहा हूं।'