नई दिल्ली । एडवेंचरस खेलों में शुमार पर्वतारोहण में क्रिकेट की दुनिया खिलाड़ी न्यूजीलैंड के पूर्व विकेटकीपर एडम परोरे का जुनून लोगों के लिए प्रेरणा हो सकता है। आज वे अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। ऑकलैंड में जन्में परोरे ने 78 टेस्ट, 179 वनडे मैच में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 2002 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था और इसके 9 साल बाद ही उन्होंने इतिहास रच दिया। परोरे ने 2011 में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह की थी और वह इसके साथ ही एवरेस्ट पर चढ़ने वाले दुनिया के इकलौते क्रिकेटर बन गए। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने के अपने सफर के बारे में एक इंटरव्यू में परोरे ने बताया था कि उन्होंने मई में एवरेस्ट फतह की, मगर वह मार्च 2011 को ही नेपाल पहुंच गए थे, ताकि वहां के मौसम में खुद को ढ़ाल सके।
एवरेस्ट पर चढ़ना परोरे के लिए कतई आसान नहीं था, मगर अपने इस सपने को हकीकत बनाने के लिए उन्होंने जान की बाजी तक लगा डाली दी। इंटरव्यू में उन्होंने ही इसका खुलासा किया था कि जह वह चढ़ाई कर रहे थे तो उनका ऑक्सीजन खत्म हो गया था। ऐसे में साथ चल रहे शेरपा की वजह से वह जिंदा बच पाए पाए। उन्होंने चोटी पर करीब 20 मिनट का समय बिताया। वहां पर तस्वीरें खींची और नीचे उतरने लग गए। परोरे के अनुसार नीचे उतरने के बाद उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी, उनकी आवाज तक बंद हो गई थी। हालांकि उपचार के कुछ देर बाद उन्हें राहत मिली। परोरे ने 1990 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। वहीं इसके दो साल बाद 1992 में जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे क्रिकेट से डेब्यू किया।