नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर की कोचिंग शैली खिलाड़ियों को रास नहीं आ रही। भारत के हाथों टेस्ट श्रृंखला में हार के बाद असंतोष के स्वर फूटने लगे हैं। जबकि कोच ने कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ खिलाड़ी लैंगर की प्रबंधन शैली से खुश नहीं है, क्योंकि वह छोटी -छोटी चीजों पर बेवजह दबाव बनाते हैं, और उनका मूड बार बार बदलता रहता है। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि लैंगर तीनों प्रारूपों में कोचिंग की जिम्मेदारी संभाल नहीं पा रहे। ड्रेसिंग रूम के सूत्रों ने कहा कि इतने महीनों से बायो बबल में रह रहे खिलाड़ियों को लैंगर की कोचिंग शैली पसंद नहीं आ रही। वे छोटी छोटी चीजें पकड़ने के उनके स्वभाव और मूड में पल पल बदलाव से तंग आ चुके है।
कुछ खिलाड़ियों का कहना है कि लैंगर जरूरत से ज्यादा गलतियां निकालते हैं। उन्होंने भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट में लंच ब्रेक पर गेंदबाजों को आंकड़े और निर्देश थमा दिए कि कहां गेंदबाजी करनी है। वहीं दूसरी तरफ लैंगर ने खबरों का खंडन किया कि उनके और खिलाड़ियों के रिश्तों में खटास आ चुकी है। उन्होंने कहा कि यह गलत है। कोचिंग कोई लोकप्रियता की प्रतिस्पर्धा नहीं है। खिलाड़ी अगर चाहते हैं कि कोई हर समय उन्हें हंसाता रहे,तब यह संभव नहीं है। मैं गेंदबाजों से कभी आंकड़ों के बारे में बात भी नहीं करता। मैं गेंदबाजों की बैठकों में भी नहीं जाता। वह गेंदबाजी कोच का काम है। उन्होंने कहा कि मैं यह सब भी नहीं करता। इस तरह की बात भी गेंदबाजों से नहीं करता। अब पिछले कुछ महीने के अनुभव से लगता है कि इस पर ध्यान देना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा खिलाड़ियों को सहायक कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड बेहतर लगते हैं।