रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनता के हित में काम को लेकर जितने सक्रिय और जनता के लिए जूझने में जितने सख्त तेवर दिखाते हैं, वे अपनी जनता के लिए उतने ही संवेदनशील भी हैं और राज्य के मुखिया की हैसियत से छत्तीसगढ़ परिवार के मुखिया होने का धर्म निभाना भी बखूबी जानते हैं। उनकी दरियादिली और मानवीय संवेदना के जरिए अक्सर सामने आता रहता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के हक में केंद्र सरकार से टकराने में कभी कोई हिचक महसूस नहीं करते लेकिन अपने राज्य के लोगों के लिए वे इतनी आत्मीयता रखते हैं कि गंभीर गलतियों पर भी संवेदना की दृष्टि से विचार करते हुए गलती को क्षमा कर देते हैं। मुखिया मुख सो चाहिए, खान पान को एक, पाले पोसे सकल अंग, तुलसी सहित विवेक... इस अवधारणा के तहत भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के हर वर्ग की समानता के साथ तो चिंता करते ही हैं, उन्होंने कोरोना काल की विभीषिका के समय दूसरे राज्य के लोगों के प्रति भी जो सहयोगी रुख दिखाया, उसने साबित कर दिया कि छत्तीसगढ़ का नेतृत्व करने वाला व्यक्तित्व छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का ऐसा ध्वज वाहक है, जिसके मन में अपने पराए का कोई भेद नहीं। वसुधैव कुटुंबकम् की धारणा वाले देश के छत्तीसगढ़ प्रांत की परम्परा यही है कि परहित सरिस धर्म नहीं होता। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जितने सख्त प्रशासक हैं, उतने ही सरल सहज नरम दिल भी। कभी किसी गांव की छोटी सी दुकान पर इत्मीनान के साथ हजामत बनवाते हुए अपने बेहद खास होते हुए भी आम होने का अहसास कराने वाले भूपेश बघेल का यह गुणसूत्र अद्भुत है कि क्षमा सर्वोत्तम धर्म है और क्षमा वीरस्य भूषणम। पूर्व में बिजली अवरोध को लेकर तथ्यहीन गंभीर आरोप लगाने वाले एक व्यक्ति के विरुद्ध जब कार्यवाही की जा रही थी तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशीलता ने उसे बचा लिया था। अब स्टेट हैंगर में मुख्यमंत्री के हैलिकॉप्टर में शादी की फोटो शूट करने के मामले में उनका जो विशिष्ट अंदाज सामने आया है, उसने बता दिया कि भगवान राम की ननिहाल छत्तीसगढ़ में राम राज्य के सिद्धांतों का अनुपालन हो रहा है। यहां किसी भी मामले में गुण, दोष, भावना और उद्देश्य की समीक्षा जन नायक स्वयं करते हैं। स्टेट हैंगर में मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर में शादी की फोटो शूट करने का मामला उजागर होने पर हड़कंप मचना स्वाभाविक ही था। कांग्रेस ने तो सुरक्षा चूक को लेकर इतिहास बताते हुए कड़ी कार्रवाई करने राज्य के पुलिस प्रमुख को पत्र भी लिखा था। मामले की गम्भीरता को देखते हुए हुई आला बैठक में इंटिलिजेंस, सीएमओ, राज्य उड्डयन विभाग और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। सभी की राय थी कि इस मामले में कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सबकी राय सुनने के बाद स्पष्ट रूप से कह दिया कि यह चूक है। निश्चित तौर पर ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए जाँच करें। लेकिन इस मामले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं करनी है। उस युगल को अहसास नहीं था। मेरी उनके सफल वैवाहिक जीवन की शुभकामना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस व्यवहार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे कितने अधिक निर्मल हैं और राज्य की जनता को भी यह संदेश मिला है कि किसी को भी नया कुछ करने की होड़ में गम्भीरता नहीं खोनी चाहिए। दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घर (छत्तीसगढ़) के मुखिया का धर्म निभाते हुए उस नवयुगल को आशीर्वाद दिया है। अब यह सबका धर्म है कि वे अपने मुखिया की भावना के अनुरूप आचरण करें।