कोंडागांव। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना अंतर्गत स्कूलों में विद्यार्थियों को सामुदायिक भागीदारी के तहत गर्म एवं पोषण आहार दी जाती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी सोच और समर्पित नेतृत्व में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के उद्देश्य से इस योजना के तहत राज्य में श्नेवता भोजश् पहल की शुरुआत की गई है। यह पहल बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान कर उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अंतर्गत स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक और संतुलित भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसी कड़ी में शुक्रवार को कोंडागांव जिले के स्वामी आत्मानंद स्कूल, बम्हनी में नेवता भोज कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य राम गोपाल सिंह और प्रधान अध्यापक सुखराम मरकाम के नेतृत्व में स्कूल के 372 बच्चों को पौष्टिक भोजन परोसा गया। कार्यक्रम में बच्चों के पालक भी उपस्थित रहे, जिनमें अजय परिहार, नरसिंह ठाकुर, रयमती सोरी, सुदनी मंडावी शामिल थे। इस दौरान उप प्राचार्य दीपांशु प्रसाद, व्याख्याता देवेन्द्र सिंह यादव और अन्य शिक्षकों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
नेवता भोज में क्या मिला?
नेवता भोज के अंतर्गत बच्चों को चावल, दाल, मटर, पत्तागोभी की सब्जी, पूड़ी, खीर, पापड़ और अचार परोसा गया। इस संतुलित भोजन का उद्देश्य बच्चों को आवश्यक पोषण प्रदान करना है, जिससे वे स्वस्थ और सशक्त बन सकें।
नेवता भोज कुपोषण के खिलाफ मजबूत कदम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नेवता भोज पहल की परिकल्पना इस विचार के साथ की कि राज्य के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सके। इस योजना के अंतर्गत स्कूल स्तर पर नियमित रूप से पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इससे न केवल बच्चों की शारीरिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
नेवता भोज में बढ़ रही सामुदायिक भागीदारी
कार्यक्रम में पालकों ने नेवता भोज की सराहना करते हुए इसे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक वरदान बताया। शिक्षकों ने भी इस पहल को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बच्चों के लिए भोजन वितरण और अन्य व्यवस्थाओं में हाथ बटाया। इस पहल में सामुदायिक सहभागिता भी बढ़ रही है। इसमें कई शिक्षक, ग्रामीण सहित कई नागरिक गण अपने खास अवसरों पर न्यौता भोज का आयोजन कर इसे यादगार बना रहे हैं।
नेवता भोज से राज्य सुपोषण की ओर अग्रसर
नेवता भोज पहल राज्य में कुपोषण को दूर करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का यह प्रयास शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बन रहा है। इससे न केवल बच्चों का शारीरिक विकास हो रहा है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और सीखने की क्षमता भी बढ़ रही है।