गरियाबंद । कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी ब्लाक कार्यक्रम के संबंध में समीक्षा बैठक ली उन्होंने आकांक्षी ब्लॉक अंतर्गत चयनित गरियाबंद एवं मैनपुर विकासखण्ड में हितग्राहीमूलक एवं विकास कार्यो के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने नीति आयोग द्वारा जारी किये जाने वाले डेल्टा रैकिंग में जिले के बेहतर स्थान के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सुपोषण, कृषि, पेयजल एवं सामाजिक विकास आदि क्षेत्रों में बेहतर काम करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने कहा कि नीति आयोग द्वारा निर्धारित किये गये मानकों का शत प्रतिशत क्रियान्वयन कर हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित किया जाए। जिससे योजनाओं का सेचुरेशन की पूर्णता होगी। साथ ही लोगों को विभिन्न योजनाओं का सीधा लाभ मिल पायेगा। नीति आयोग द्वारा विभिन्न मानकों के तहत देश के 500 ब्लॉकों की रैंकिंग की जाती है। इसमें मैनपुर ब्लॉक में दिये गये मानक अनुसार योजनाओं का सेचुरेशन किया जा चुका है। कलेक्टर ने गरियाबंद ब्लॉक में भी सभी क्षेत्रों में बेहतर काम करके देश के आकांक्षी ब्लॉक रैंकिंग में नाम शामिल करवाने के लिए बेहतर प्रयास करने के निर्देश दिये। इस दौरान बैठक में जनपद पंचायत सीईओ, कृषि, स्वास्थ्य, पीएचई, महिला एवं बाल विकास विभाग, पशु पालन विभाग, लीड बैंक, एनआरएलएम एवं शिक्षा विभाग के अधिकारीगण सहित नीति आयोग के समन्वयक मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि नीति आयोग ने सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने सुशासन में सहायता करने के उद्देश्य से नीति आयोग की पहल राज्य सहायता मिशन ने राज्य के लिए नीति नामक एक मंच शुरू किया है। जो सुशासन और नीतिगत पहलों को साझा करने के लिए एक मंच हैं। नीति आयोग अभिसरण, सहयोग एवं प्रतिस्पर्धा तीन व्यापक ढांचों में निर्भर करती है। 12 मंत्रालयों के अंतर्गत 40 संकेतकों की पहचान कर विभिन्न योजनाओं के सेचुरेशन का कार्य किया जाता है। इसका उद्देश्य पिछड़े ब्लॉकों में विकास का मापदंड निर्धारित कर लोगों को विभिन्न सुविधाओं से लाभान्वित करना है। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने नीति आयोग द्वारा निर्धारित मानकों की पूर्ति के लिए आंगनबाड़ी के माध्यम से सुपोषण अभियान में सहभागिता, शिक्षा विभाग द्वारा ड्रापआउट स्कूली बच्चों की संख्या में कमी, स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव, कृषि विभाग द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि एवं पीएचई विभाग द्वारा स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। साथ ही सामाजिक विकास एवं बुनियादी ढांचे के तहत विभिन्न संकेतकों में बेहतर कार्य करने के निर्देश दिये।