मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को अब वेलनेस टूरिज्म की राजधानी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज अब खूबसूरत कलियासोत डैम के किनारे मॉडर्न वेलनेस कॉटेज बनाएगा।
ये कॉटेज न सिर्फ पहाड़ी, डैम और जंगल के मनोरम नजारों के साथ पंचकर्म और बॉडी डिटॉक्स (शरीर की अंदरूनी सफाई) की सुविधा देंगे, बल्कि परिवारों को एक साथ पारंपरिक छुट्टियों को वेलनेस वेकेशन में बदलने का अवसर भी देगा।
मौजूदा सेंटर की सफलता ने दी नए प्रोजेक्ट को उड़ान
खुशीलाल संस्थान के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला ने शुक्रवार को एक प्रेस टूर के दौरान इस नई योजना की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह नया प्लान संस्थान में पहले से चल रहे सरकारी सुपर स्पेशियलिटी और पंचकर्म वेलनेस सेंटर की जबरदस्त सफलता को देखते हुए बनाया गया है। वर्तमान में यह सेंटर 95% की स्थायी ऑक्यूपेंसी (हमेशा भरा रहना) के साथ संचालित हो रहा है, जिसकी रिपोर्ट लगातार केंद्रीय आयुष मंत्रालय को भेजी जा रही है।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए, अब वेलनेस कॉटेज को राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ये कॉटेज मौजूदा सेंटर के ठीक नीचे पहाड़ी पर तैयार होंगे, जिससे एक एकीकृत वेलनेस हब बन सकेगा। इन कॉटेज की डिज़ाइन और लोकेशन को अंतिम रूप देने के लिए जल्द ही आर्किटेक्ट की एक विशेष टीम बुलाई जाएगी।
आयुर्वेदिक और कस्टमाइज्ड डाइट भी इस में भर्ती होने वाले मरीजों और वेलनेस के लिए आने वाले लोगों को उनकी सेहत और बीमारी के हिसाब से खास आयुर्वेदिक डाइट दी जाएगी। इसमें विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को एक आयुर्वेदिक आहार का मेन्यू देंगे, जिसमें लोग अपनी पसंद के अनुसार आहार का चुनाव कर सकेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि हर व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से सही पोषण मिले।
पंचकर्म एवं वेलनेस सेंटर से बढ़ रहा मेडिकल टूरिज्म पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक कॉलेज में स्थित यह पंचकर्म और वेलनेस सेंटर देश में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह अपनी तरह का देश का एकमात्र सरकारी सेंटर है, जहां अब तक सात देशों से 50 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ चुके हैं। इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), हॉन्गकॉन्ग, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे विकसित देश शामिल हैं, जो भारतीय आयुर्वेद पर उनके बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
प्रदेश में बनेंगे 12 नए वेलनेस सेंटर
शुक्रवार को एक कार्यक्रम में आयुष विभाग के अधिकारियों ने एक और बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि खुशीलाल कॉलेज के पंचकर्म एंड वेलनेस सेंटर की सफलता को देखते हुए, प्रदेशभर में 12 नए आयुष वेलनेस सेंटर तैयार किए जाएंगे। इनमें से 10 सेंटर 10-10 बेड के होंगे और इन पर कुल 125 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इन सेंटरों को खास तौर पर उन्हीं क्षेत्रों में बनाया जाएगा जहां पर्यटकों की संख्या ज्यादा होती है। इससे मेडिकल टूरिज्म को और बढ़ावा मिलेगा। उज्जैन और खजुराहो जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर 50-50 बेड के बड़े सेंटर 15-15 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए जाएंगे। जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी आयुर्वेदिक वेलनेस का फायदा मिलेगा।