उन्होंने कहा कि ऐसा आपराधिक कृत्य, जिनमें योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होता है, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी सफल अभ्यर्थियों के बायोमैट्रिक डाटा और आधार हिस्ट्री की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है। प्रथम दृष्ट्या फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई की गई है।
उधर, मामले को लेकर शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में आइजी कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह ने बताया कि साल्वरों से पूछताछ से नई जानकारियां सामने आने की आशा है। एक साल्वर बिहार व एक दिल्ली का भी है। दो आधार केंद्र संचालकों को भी गिरफ्तार किया गया है।
जो अभ्यर्थी ज्वाइन करने नहीं आ रहे हैं वे भी नहीं बच पाएंगे। उनसे भी पूछताछ की जाएगी। इस परीक्षा में 6423 अभ्यर्थी सफल हुए थे, इनमें लगभग 3500 ही अभी तक ज्वाइनिंग के लिए पहुंचे हैं। ज्वाइनिंग की तारीख आगे भी बढ़ाई जा सकती है। परीक्षा में 1333 महिलाओं का भी चयन हुआ था, पर फर्जीवाड़े कोई महिला अभ्यर्थी शामिल नहीं है।
इस बीच गुरुवार और शुक्रवार को इस मामले में पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आधार अपडेशन की उन कमियों के बारे में बताया है जिसका लाभ उठाकर अभ्यर्थी और साल्वर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। दरअसल, केंद्र व दूसरे राज्यों में कई परीक्षाएं आधार बायोमैट्रिक सत्यापन के आधार पर कराई जाती हैं।
ऐसे में यूआईडीएआई इस फर्जीवाड़े के आधार पर कोई सुधार करेगा तो इससे अन्य परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा की आशंका बहुत कम हो जाएगी। अभी तक यह माना जा रहा था कि आधार बायोमैट्रिक सत्यापन में सेंध नहीं लग सकती, पर जालसाजों ने इसका रास्ता भी निकाल लिया है।