इसके साथ ही, कूनो नेशनल पार्क में तीन करोड़ रुपये की लागत से ईको पर्यटन केंद्र बनाया जा रहा है। कूनो के ससइपुरा में बैंगलुरु की तर्ज पर जंगल लॉज बनाया जा रहा है। इसमें 8 कक्ष बनाए जा रहे है, हर कक्ष में आरामदायक सुविधा उपलब्ध होगी।
पर्यटन की दृष्टि से इसे इस तरह से बनाया जा रहा है कि यहां ठहरने वाले पर्यटक को प्रकृति की करीब से अनुभूति हो सकें। चीतों के नए घर गांधी सागर में भी पर्यटकों के लिए ईको पर्यटन गंतव्य स्थल बनाया जाएगा। यह स्थल भी कूनो में बनाए जा रहे जंगल कॉटेज की तरह ही होगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्म दिवस पर 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो में छोड़ा था। इसके बाद 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते भारत लाए गए। भारत में अब तक 26 चीता शावकों का जन्म हो चुका है। 7 शावकों की मौत से अब 19 चीता शावक कूनो में है।
वहीं 8 चीतों की मौत होने से 12 चीते है। लगातार चीतों की बढ़ती संख्या से तय हो गया है कि कूनो नेशनल पार्क चीतों का एक बेहतर ब्रीडिंग सेंटर का रूप ले चुका है। वर्तमान में छह चीता और 11 शावक खुले जंगल में घूम रहे हैं। बाकी को बाड़ों में रखा गया है। अब कूनो को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।