हरियाणा के गुरुग्राम में 7 जनवरी को मध्यप्रदेश एटीएस की कस्टडी में बिहार के मधेपुरा के 23 वर्षीय हिमांशु की मौत हो गई। उसका बिल्डिंग से गिरने का वीडियो भी सामने आया है। एटीएस का कहना है कि उसने OYO होटल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाई, जिससे उसकी जान चली गई।
हालांकि, मजिस्ट्रियल जांच में युवक को अवैध रूप से होटल के कमरे में बंद रखने की बात साफ हुई है। मजिस्ट्रेट ने अवैध तरीके से युवक को हिरासत में रखने को बड़ी लापरवाही माना है। उसके शरीर पर मिली चोट भी संदिग्ध मानी गई हैं।
इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर सोहना सिटी थाना पुलिस ने एमपी एटीएस के 9 पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज किया है। इधर, हिमांशु के परिजन का दावा का है कि उसकी हत्या कर शव को जमीन पर लाकर रख दिया है।
दरअसल, 6 जनवरी को टेरर फंडिंग के आरोप में MP ATS ने हिमांशु को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे गुरुग्राम के सोहना सिटी में स्थित होटल ले गई, जहां पहले से ही 3 अन्य आरोपी वहां मौजूद थे। गिरफ्तारी के अगले ही दिन पूछताछ के दौरान बाथरूम जाने का बहाना बनाकर हिमांशु ने तीसरी मंजिल की गैलरी से छलांग लगा दी।
आम तौर पर हिरासत में रखने के दौरान आरोपी की कड़ी निगरानी की जाती है। इसके बाद भी हिमांशु ने छलांग लगा दी। इससे पहले उसने बालकनी का गेट खोला। टीम ने उसे रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया।
टेरर फंडिंग केस में एमपी ATS की हिरासत में था हरियाणा में गुरुग्राम के सोहना में 8 जनवरी को हिमांशु के होटल की तीसरी मंजिल से गिरने का CCTV फुटेज सामने आया है। बिहार का रहने वाला हिमांशु (23) टेरर फंडिंग और साइबर क्राइम मामलों में मध्य प्रदेश ATS की हिरासत में था।
वीडियो में दिख रहा है कि गली में एक बाइक सवार खड़ा है। तभी होटल की छत से हिमांशु उसके ठीक पीछे गली में गिरता है। बाइक सवार को हिमांशु के गिरने का पता चला, लेकिन वह छत की तरफ देखता रहा। उसने हिमांशु की मदद नहीं की। 10 मिनट तक लोग गली से आते-जाते हैं, लेकिन कोई हिमांशु की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया।
चाचा की शिकायत पर दर्ज किया है केस मृतक के चाचा ने हरियाणा पुलिस से MP ATS के खिलाफ 9 जनवरी को केस दर्ज कराया। जिसके बाद MP ATS के 9 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया, जिसमें इंस्पेक्टर, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल शामिल हैं। परिजनों का कहना है कि मौत से एक दिन पहले हिमांशु ने अपने पिता से बात की थी।
कॉल आया, कहा- आपके भाई की मौत हो गई हिमांशु के भाई सुधांशु का कहना है कि होटल की तीसरी मंजिल से कूदने से भाई की मौत नहीं हुई है। हत्या कर शव को जमीन पर लाकर रख दिया गया है। अगर वो तीसरी मंजिल से गिरता तो आस पड़ोस के लोग भी देखते, लेकिन किसी ने नहीं देखा।
भाई ने आगे बताया, '7 जनवरी की शाम एक नंबर से मेरे पास फोन आया। बताया गया कि मेरे भाई हिमांशु को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। मैंने सोचा कोई छोटी बात होगी। वो खुद सुलझा लेगा, लेकिन कुछ देर बाद मुझे फिर एक नंबर से फोन आया। उसने कहा कि आपके भाई की ओवरब्रिज से कूदने से मौत हो गई है।
'थोड़ी देर बाद जब मैंने उसी नंबर पर फोन लगाया तो उसने कहा कि हिमांशु ने होटल की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी है। उसने हमलोगों को एक फोटो भी भेजी, जिसमें हिमांशु के सिर पर खून के निशान थे। इसकी जानकारी मिलते ही हम लोग हरियाणा के लिए निकले।'
होटल के कमरा नंबर-503 में रुकी थी ATS टीम जानकारी के मुताबिक, ATS की टीम इंस्पेक्टर राहुल शर्मा की अगुआई में गुरुग्राम के सोहना के बस स्टैंड के पास एक होटल के कमरा नंबर 503 में रुकी थी। होटल में दो कमरे बुक किए गए थे। सोहना के सब डिवीजन के ACP अभिलक्ष जोशी के मुताबिक, मध्यप्रदेश पुलिस ने न तो यहां आने की जानकारी दी और न गिरफ्तारी के बारे में बताया था।
हालांकि, एमपी ATS अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी बाथरूम जाने के बहाने तीसरी मंजिल की गैलरी में आया और नीचे बिजली के केबल के सहारे भागने की कोशिश में छलांग लगा दी। वह केबल नहीं पकड़ पाया और सिर के बल नीचे गिर गया। गुरुग्राम पुलिस जांच कर रही है।
आरोपियों के साइबर क्राइम, टेरर लिंक की जांच मप्र एटीएस ने 6 आरोपियों से 14 लैपटॉप, एक टैबलेट, 41 मोबाइल फोन और 85 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हिमांशु और एक अन्य आरोपी पूरे नेटवर्क के जिम्मेदार थे, जबकि चार अन्य सहयोगी थे। मामले की जांच मप्र साइबर सेल और एटीएस की ओर से की जा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि आरोपियों का टेरर लिंक था या नहीं।