दुबई। महिला क्रिकेट की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए कुछ नए परिवर्तन की मंशा भारतीय बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स और न्यूजीलैंड की कप्तान सोफी डेवाइन रखती है उनके मुताबिक नई चीजों जैसे छोटी पिचों और छोटी गेंद का इस्तेमाल की कोशिश की जा सकती है। ऑस्ट्रेलिया की पूर्व क्रिकेटर और शीर्ष कमेंटेटर मेल जोंस के साथ एक घंटे के ‘100’ इनोवेशन्स’ सत्र में रोड्रिग्स और डेवाइन ने छोटी पिचों, छोटी गेंद और सुपर सब (सब्स्टीट्यूट) जैसे विषयों पर चर्चा की। इस साल आईसीसी महिला टी20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के लिए सर्वाधिक रन जुटाने वाली डेवाइन को लगता है कि छोटी गेंद को लाने से महिलाओं के खेल में बदलाव आ सकता है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर हम पारंपरिक प्रारूप में ही अटके रहेंगे तो हमें खेल में काफी नए खिलाड़ी और नए बच्चे नहीं मिल पाएंगे। इसलिए मुझे लगता है कि यह बहुत ही रोमांचक विचार है जिससे हम शायद लोगों को प्रोत्साहित कर पाएंगे।’
डेवाइन ने कहा, ‘कुछ बदलाव करना हमेशा अच्छा है जिससे पता चल जाता है कि क्या कारगर होगा। मैं शायद छोटी गेंद की प्रशंसक हूं लेकिन पिच को उतना ही रखा जाए जिससे मुझे लगा है कि तेज गेंदबाज रफ्तार से गेंदबाजी कर पाएं और स्पिनर गेंद को ज्यादा टर्न कर पाएं।’ भारत के लिए टी20 विश्व कप में खेल चुकी रोड्रिग्स छोटी पिचों की पक्षधर थीं। उन्हें हालांकि लगता है कि महिला क्रिकेट की तुलना पुरुषों के क्रिकेट से नहीं करनी चाहिए। रोड्रिग्स ने कहा,‘ईमानदारी से कहूं तो मैं कहूंगी की पुरुष और महिला क्रिकेट की तुलना नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपको स्वीकार करना होगा कि दोनों के बीच थोड़ा अंतर है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हां, हमें छोटी पिच के इस्तेमाल के लिए खुला होना चाहिए, इसे आजमाना चाहिए। अगर इससे खेल में सुधार करने में मदद मिलती है और इससे अगले स्तर तक पहुंचा जा सकता है तो क्यों नहीं?’