रायपुर। राजधानी रायपुर की पहचान और विशिष्ट धरोहर बूढ़ा तालाब के कायाकल्प में कई बार राशि खर्च किए जाने के बावजूद हालात ऐसे नहीं बन पा रहे जो यहां आने वालों को राहत महसूस करा सकें।
बूढ़ा तालाब म्यूजिकल फाउंटेन उद्घाटन के बाद तीन रोज तक चला उसके बाद बंद बड़ा है। म्यूजिकल फाउंटेन देखने वाले लोग निराश होकर लौट रहे है। तालाब के सौंदर्यीकरण के पहले यहां हर समय पक्षियों का झुण्ड तैनात रहता था, परन्तु जैसे-जैसे मानवीय क्रियाकलापों का विकास होने लगा वैसे ही धीरे-धीरे प्राकृतिक अस्तित्व खत्म होने लगा है। स्मार्ट सिटी रायपुर के द्वारा तालाब में लोगों के मनोरंजन के लिए फर्राटेदार स्पीड बोट का इंतजाम किया है जिसकी आवाज और रफ्तार के कारण अब वहां गिने-चुने पक्षी भी अब नजर नहीं आते है। फुटपाथ में धड़ल्ले से जमें हुए है ठेले-गुमटी वाले- बूढ़ा तालाब के बाहर सामने चारों ओर नगर निगम के द्वारा टीन शेड की दीवार बनाई गई है जिसके नीचे हमेशा ठेले और गुमटी वालों का डेरा जमा लिया है। सबसे ज्यादा गुमटी वालों का कब्जा इंडोर स्टेडियम से लेकर गार्डन के प्रवेश द्वार तक है। जिसके कारण लोग फुटपाथ में ना चलते हुए सड़कों पर पैदल चल रहे है। इसके साथ ही तालाब के दूसरी ओर महामाया मंदिर से लेकर धरनास्थल और इंडोर स्टेडियम तक ठेले वाले फुटकर व्यापारी अपना डेरा जमाए हुए बैठे है। वही स्मार्ट सिटी का कार्यालय है जो ठेले और गुमटी वाले को संरक्षण दे रखा है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द से फुटपाथों से ठेले और गुमटी संचालकों को हटाए एवं फुटपाथ को पैदल चलने वालों के लिए खाली करवाए। लचर यातायात व्यवस्था से हमेशा दुर्घटना की आशंका- बूढ़ातालाब पहुंचने के दो मुख्य रास्ते है जिसमें एक लाखेनगर जो पुरानी बस्ती होते हुए और दूसरी कालीबाड़ी चौक होते हुए है। जिसमें लाखेनगर से जो रोड निकली है वह रोड इतनी संकरी हो गई है कि यहां एक वाहन के मुडऩे से लम्बा जाम लग जाता है। इसके साथ ही तेजी से चलने वाले वाहनों के कारण हमेशा दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहती है। फर्राटे मारने वाले बाइकर्स गली मोहल्लों में 60-70 की स्पीड से निकलते है जिससे हमेशा बड़ी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता हैै। इन सभी कारणों के लिए प्रशासन को यातायात व्यवस्था बनाने रखने कड़ी कार्रवाई आवश्यक है।