बिलासपुर-तोरवा थाने में पदस्थ आरक्षक ने पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर रिश्तेदार से तीन लाख 60 हजार रुपये ले लिए। इसके बाद भी नौकरी नहीं लगने पर पीड़ित ने सिविल लाइन थाने में शिकायत की है। पुलिस ने जांच के बाद आरक्षक के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया है
सिविल लाइन थाना प्रभारी सनिप रात्रे ने बताया कि पचपेड़ी थाना क्षेत्र के केंवटाडीह टांगर निवासी जय प्रकाश(25 वर्ष) बेरोजगार हैं। साल 2018 में पुलिस विभाग में आरक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था
इस पर उन्होंने आरक्षक पद के लिए आवेदन किया था। इस दौरान उसके रिश्तेदार आरक्षक शिवशंकर ने विभाग ने पहचान होने की बात कही थीउसने नौकरी लगवाने के लिए चार लाख रुपये की मांग की। इस पर जयप्रकाश रुपये देने के लिए राजी हो गया। उसने तीस हजार रुपये आरक्षक को दे दिए। बाद में जय प्रकाश ने शारीरिक दक्षता की परीक्षा दी। इसके बाद आरक्षक ने उसका नाम पेपर में दिखाकर तीन लाख 30 हजार और ले लिए। बाद में शासन ने भर्ती परीक्षा ही रद कर दी। परीक्षा रद होने पर जय प्रकाश ने अपने रुपये वापस मांगे। इस पर आरक्षक ने रुपये वापस करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की है
वही जांच के बाद सिविल लाइन पुलिस ने जुर्म दर्ज कर लिया है। पीड़ित को झूठे मामले में फंसाने की दी धमकी आरक्षक भर्ती परीक्षा रद होने के बाद जय प्रकाश ने अपने रुपये वापस मांगे। आरक्षक ने रुपये रुपये लौटने के बजाय रिश्तेदारों के माध्यम से जय प्रकाश को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की तो वह पीड़ित पर शिकायत वापस लेने दबाव बनाने लगा।