मुम्बई। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए क्रिकेट की बहाली के बाद खेल में कुछ बदलाव करने होंगे। कोरोना को देखते हुए आईसीसी ने गेंद पर लार के इस्तेमाल को लेकर पाबंदी लगा ही है। सचिन ने कहा कि एक टेस्ट पारी में 50 ओवरों के बाद दूसरी नई गेंद का इस्तेमाल किया जाना चाहिये। वहीं अभी अभी 80 ओवर के बाद गेंद बदली जाती है। सचिन का मानना है कि ठंडे मौसम में जब खिलाड़ी ज्यादा पसीना नहीं बहाते हैं, तो गेंद को चमकाना ज्यादा मुश्किल हो जाएगा और गेंदबाजों के लिए ज्यादा नुकसानदेह होगा। इसलिए गेंद को चमकाने के लिए प्रत्येक पारी में कुछ निश्चित मात्रा में मोम का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जानी चाहिए। सचिन की सोशल मीडिया पर आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली से भी बात हुई इसमें गेंद पर लार के प्रयोग पर लगे प्रतिबंध और उसके प्रभाव पर भी बात हुई। जिसमें ब्रेट ली ने सचिन के साथ बातचीत के दौरान कहा, " यह एक मुश्किल फैसला है क्योंकि यह कुछ ऐसा है, जिसे हमने अपने पूरे जीवन के दौरान किया है। आठ-नौ साल की उम्र से ही हमें गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था। इसलिए, अगर अचानक आपको कुछ अलग बताया जाएगा है तो आप वैसा नहीं कर सकते। इस पर पॉलिश करना बहुत मुश्किल होगा।" उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में गेंदबाजों के लिए यह काफी कठिन होगा। ली ने कहा कि ऐसे में अधिक स्पोर्टिग विकेट बनाने की जरूरत होगी जो गेंजबाज और बल्लेबाज को समान रूप से मदद करे।