कोरबा। कोरबा रेलवे स्टेशन से यात्रियों को लेकर गेवरारोड की ओर रवाना हुई बिलासपुर-गेवरारोड मेमू लोकल ट्रेन शनिवार को गलती से कोल साइडिंग पहुंच गई, जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया। इस चूक के लिए कोरबा और कुसमुंडा के स्टेशन मास्टरों को निलंबित कर दिया गया है।
यह घटना उस वक्त हुई जब दोपहर 12:25 बजे कोरबा से गेवरारोड के लिए निकली ट्रेन न्यू कुसमुंडा के पास कमका कोल साइडिंग की ओर मुड़ गई। कोल लोडिंग प्वाइंट की तरफ बढ़ती ट्रेन को देखकर मौके पर मौजूद कर्मचारी और रेलवे अधिकारी हैरान रह गए। लोको पायलट ने समय रहते ट्रेन की गति कम कर दी और गेवरारोड स्टेशन मास्टर को सूचना दी।
सूचना मिलते ही स्टेशन मास्टर हरकत में आया और ट्रेन को पीछे कर गेवरारोड स्टेशन की ओर रवाना किया गया। यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से करीब एक घंटे की देरी से गेवरारोड पहुंची। इस दौरान यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, यह चूक स्टेशन मास्टर की लापरवाही से हुई, जिसने यात्री ट्रेन को गेवरारोड स्टेशन की बजाय कोल साइडिंग की ओर सिग्नल दे दिया। इस मामले में कुसमुंडा के स्टेशन मास्टर जितेश दास और कोरबा के स्टेशन मास्टर कोई जायसवाल को सस्पेंड कर दिया गया है।
कोल साइडिंग में कैसे पहुंची ट्रेन?
कोरबा से गेवरारोड स्टेशन के बीच स्थित न्यू कुसमुंडा साइडिंग (जिसे कमका साइडिंग भी कहा जाता है) में करीब 11 रेल लाइनें हैं, जिनका उपयोग कोयला लदान के लिए होता है। इसी साइडिंग की ओर मेमू लोकल ट्रेन चली गई थी। सिग्नल की गलती से यात्रियों से भरी ट्रेन मालगाड़ी के ट्रैक पर पहुंच गई थी, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई।
रेलवे प्रशासन ने तत्काल एक्शन लेते हुए दोनों जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं।