नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना महामारी के कारण पहली बार ऑनलाइन आयोजित किये गये एक समारोह में शनिवार को 74 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया। इसमें पांच को खेल रत्न और 27 को अर्जुन पुरस्कार प्रदान किये गये। इनमें से 60 खिलाड़ियों ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के 11 केंद्रों से इस वर्चुअल समारोह में भाग लिया। क्रिकेटर रोहित शर्मा (खेल रत्न) और इशांत शर्मा (अर्जुन पुरस्कार) आईपीएल के कारण यूएई में होने के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सके। वहीं महिला पहलवान विनेश फोगाट (खेल रत्न) और बैडमिंटन खिलाड़ी सत्विकसाइराज रंकीरेड्डी (अर्जुन पुरस्कार) कोरोना संक्रमित होने के कारण समारोह में शामिल नहीं हो पाये। गोल्फर अदिति अशोक और पूर्व फुटबॉलर सुखविंदर सिंह संधू भी इसमें हिस्सा नहीं ले सके क्योंकि वे देश से बाहर हैं। टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा, पैरालंपिक स्वर्ण पदकधारी मरियप्पन थांगवेलु और महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल को इस समारोह में खेल रत्न दिये गये। मनिका ने पुणे से जबकि थांगवेलु और रानी ने भारतीय खेल प्राधिकरण के बंगलुरू केंद्र से इसमें भाग लिया। राष्ट्रपति कोविंद ने भाग लेने वाले पुरस्कार विजेताओं की प्रशंसा की और उनकी उपलब्धियों को सराहा।
कोविड-19 को देखते हुए यह पहली बार है जब विजेता, मेहमान और अन्य गणमान्य व्यक्ति दरबार हॉल में इकट्ठा नहीं हो सके। राष्ट्रपति कोविंद ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और भरोसा जताया कि भारत 2028 लास एंजिलिस ओलंपिक में शीर्ष 10 देशों में शामिल रहने के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है। एक से अधिक घंटे समय तक चले समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई। आप सभी ने अपने प्रदर्शन से सभी भारतीयों को अविस्मरणीय क्षण प्रदान किये हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि प्रत्येक की भागीदारी के बल पर भारत एक खेल महाशक्ति के तौर पर उभरेगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य 2028 ओलंपिक खेलों में शीर्ष 10 पोडियम में रहने वाले देशों में शामिल होना है। हम निश्चित रूप से इस लक्ष्य को हासिल करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि भारत को खेल संस्कृति बनाने की जरूरत है और हर किसी को इसे हासिल करने के लिये काम करना चाहिए। उन्होंने माना कि विश्व खेल भी महामारी से प्रभावित हैं पर साथ ही उम्मीद जतायी कि खिलाड़ी इस अनुभव से और बेहतर होकर निकलेंगे। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कोविड-19 ने विश्व खेलों को बहुत प्रभावित किया है। ओलंपिक खेल स्थगित हो गये हैं। हमारे देश में भी सभी खेल गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। खिलाड़ी और कोच अभ्यास और टूर्नामेंट के रूकने से कम प्रेरित हो सकते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि खिलाड़ी इस परीक्षा से मानसिक रूप से और मजबूत होकर निकलेंगे और उपलब्धियों का नया इतिहास बनाएंगे। ’’
अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वालों में स्टार धाविका दुती चंद, महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, गोल्फर अदिति अशोक और पुरूष हॉकी टीम स्ट्राइकर आकाशदीप सिंह शामिल थे।
द्रोणाचार्य लाइफटाइम पुरस्कार आठ कोचों को दिया गया जिसमें तीरंदाजी कोच धर्मेंद तिवारी, नरेश कुमार (टेनिस), शिव सिंह (मुक्केबाजी) और रमेश पठानिया (हॉकी) शामिल हैं। नियमित वर्ग में हॉकी कोच ज्यूड फेलिक्स और निशानेबाजी कोच जसपाल राणा सहित पांच को द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा गया।
नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी
खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने इस समारोह के शुरू होने से पहले कहा, ‘‘ इस साल खिलाड़ियों के नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी की गयी है। सुबह खेल रत्न की पुरस्कार राशि को 25 लाख रूपये तक बढ़ा दिया गया जो पहले 7.5 लाख रूपये थी। अर्जुन पुरस्कार हासिल करने के लिये समारोह में 22 खिलाड़ी ऑनलाइन हुए, उन्हें 15 लाख रूपये दिये गये जो राशि पहले की तुलना में 10 लाख रूपये अधिक है। द्रोणाचार्य (आजीवन) पुरस्कारों की राशि पहले पांच लाख हुआ करती थी जिसे अब बढ़ाकर 15 लाख रूपये कर दिया है। वहीं नियमित द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं को 10 लाख रूपये प्रदान किये गये जो पहले पांच लाख रूपये थी। वहीं ध्यानचंद्र पुरस्कार विजेताओं को पांच लाख की जगह 10 लाख रूपये दिये गये।