पार्टी अब राजनीतिक समीकरणों के तहत प्राथमिकता के आधार पर जिला अध्यक्षाें की घोषणा करेगी। जिला अध्यक्ष को लेकर दो जनवरी से कवायद की जा रही थी। पार्टी पदाधिकारियों का दावा था कि पांच जनवरी तक जिला अध्यक्ष घोषित कर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डा यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने मुख्यमंत्री आवास पर इसको लेकर बैठक भी की, लेकिन फिर केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद सूची पर पुर्नविचार किया गया।
अंतत: 10 दिन बाद रविवार को केवल दो जिला अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई। इनमें उन जिलों को होल्ड पर रखा गया है जिन पर दिग्गज नेताओं का दबाव अधिक है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राव उदय प्रताप सिंह और प्रह्लाद सिंह पटेल के जिलों में जिला अध्यक्ष को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ है। इनके अलावा जबलपुर सहित अन्य जिले भी हैं, जहां जिला अध्यक्ष की घोषणा करने में भाजपा को मशक्कत करनी पड़ रही है।
केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद भी रविवार को सूची में केवल दो जिला अध्यक्ष ही घोषित हो पाए। शेष जिलों को लेकर सहमति न बनाना या और कोई अन्य कारण से अध्यक्षों की घोषणा पर विराम लगा हुआ है।