नई दिल्ली। बाजार पर नजर रखने वाली संस्था मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कहा कि सरकार द्वारा हाल में घोषित 20 लाख रुपये के आर्थिक पैकेज से वित्तीय संस्थानों के लिए परिसंपत्तियों के जोखिम में कमी आएगी, लेकिन इससे कोविड-19 का नकारात्मक असर पूरी तरह खत्म नहीं होगा। सरकार ने पिछले सप्ताह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए 3.70 लाख करोड़ रुपये के सहायता पैकेज की घोषणा की थी। इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए 75,000 करोड़ रुपये और बिजली वितरण कंपनियों के लिए 90,000 करोड़ रुपये के समर्थन पैकेज की घोषणा की गई। मूडीज ने ‘वित्तीय संस्थान- भारत: वित्तीय प्रणाली को राहत मुहैया कराने के लिए सहायता उपाये, लेकिन नहीं हल होंगी सभी समस्याएं’ शीर्षक वाली अपनी टिप्पणी में कहा, ‘इन उपायों से वित्तीय क्षेत्र के लिए परिसंपत्तियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी, लेकिन वे कोरोना वायरस महामारी के नकारात्मक प्रभावों को पूरी तरह दूर नहीं कर पाएंगे।’ एमएसएमई पैकेज के बारे में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले ही यह क्षेत्र तनाव में था और आर्थिक विकास में मंदी गहराने के साथ ही नकदी की चिंताएं बढ़ जाएंगी। एनबीएफसी के उपायों के संबंध में टिप्पणी में कहा गया कि यह मदद इन कंपनियों की तात्कालिक तरलता आवश्यकताओं की तुलना में बहुत कम है।