कोरबा हसदेव अरण्य क्षेत्र में प्रस्तावित कोयला खनन परियोजनाओं के खिलाफ ग्राम मोरगा में ग्रामीणों और किसान नेताओं का सम्मेलन हुआ। गुरुवार को आयोजित इस सम्मेलन में ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि वे किसी भी कीमत पर अपने जंगल और जमीन का विनाश नहीं होने देंगे।
उपस्थित ग्रामीणों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोरबा आदिवासी जिला सहित कोयला खनन की प्रस्तावित परियोजनाओं से प्रभावित हमारा गांव संविधान की पांचवी अनुसूचित क्षेत्र में शामिल हैं और पेसा कानून के तहत बिना ग्रामसभा की सहमति के भूमि अधिग्रहण भी नहीं हो सकता। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का कोयला मंत्रालय खनन कंपनियों के दवाब में आकर जबरन भूमि अधिग्रहण की कोशिश कर रहा है। प्रस्तावित खनन परियोजनाओं परसा, पतुरियाडांड, गिद्धमुड़ी और मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक को निरस्त करने की मांग को पुन: दोहराते हुए ग्रामीणों ने इस मामले में आगामी दिनों में रायपुर तक पदयात्रा कर विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया। जिला किसान संघ के सुदेश टेकाम ने कहा कि संघर्ष को इसी तरह आगे जारी रखा जाएगा। किसान और मजदूर को अपनी लड़ाई साथ मिल कर लड़ना है। सम्मेलन में जिला किसान संघ राजनांदगांव से सुदेश टीकम, कोरबा से दीपक साहू सहित परियोजना प्रभावित 10 पंचायतों के सरपंच और जनपद सदस्य व ग्रामवासी शामिल हुए।