नई दिल्ली। महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने मुख्य राष्ट्रीय कोच गोपीचंद पर पर कई आरोप लगाये हैं। ज्वाला ने कहा कि अपने करियर में उन्हें जो परेशानियां झेलनी पड़ीं उसके लिए गोपीचंद ही जिम्मेदार थे। उनकी आलोचना के कारण ही मुझे नुकसान उठाना पड़ा है।
अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाली ज्वाला ने कहा, 'मैं मानती है कि गोपीचंद ने जो हासिल किया है और मुझे उनसे उम्मीदें थीं। उन्हें पता था कि मैं क्या करने में सक्षम हूं। युगल जोड़ीदार के तौर पर मैं उनसे जुड़ी थी वह मेरी क्षमता को जानते थे, इसलिए उनसे अपेक्षाएं रखना मेरे लिए स्वाभाविक था।' साथ ही कहा कि अगर आप गौर करें तो गोपीचंद के खेलने के दिनों में दूसरे राज्यों के खिलाड़ी भी उभरते थे। एक समय था, जब देश के विभिन्न हिस्से से शीर्ष खिलाड़ी आते थे पर पिछले 10-12 वर्षों से केवल हैदराबाद के खिलाड़ी या तेलुगू खिलाड़ी ही आगे बढ़ते दिखाई दिये हैं। ऐसा माहौल है कि यदि कोई खिलाड़ी एक विशेष एकेडमी से है, तभी उसे मान्यता मिलेगी।'
साल 2011 में विश्व चैम्पियनशिप में अश्विनी पोनप्पा के साथ भारत के लिए पहला युगल पदक जीतने में वाली ज्वाला ने कहा, 'अगर भारत पदक जीतता है, तो यह गोपीचंद की वजह से और अगर हम अच्छा नहीं करते हैं, तो सिस्टम को दोषी ठहराया जाता है।' यहां तक कि विदेशी कोच अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही लौट जाते हैं, ज्वाला ने इसके पीछे की वजह भी बताई। उन्होंने कहा, 'आंतरिक राजनीति यही वजह है कि विदेशी कोच अपना कार्यकाल पूरा किए बिना ही चले जाते हैं। उन्हें पहचान नहीं मिलती और वे अपमानित महसूस करते हैं। इसके लिए सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि प्रबंधन भी जिम्मेदार है।'