मध्यप्रदेश में बीजेपी के संगठन चुनाव चल रहे हैं। 1 से 15 दिसंबर तक 1300 मंडलों में अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि चुने जाने थे। बीजेपी के संगठनात्मक रूप से मध्यप्रदेश में 60 जिले हैं, इनमें मंडल अध्यक्षों के चुनाव को लेकर चुनाव समिति के पास करीब 100 शिकायतें पहुंची हैं। अपीलीय समिति ने इन शिकायतों की छानबीन कर ली है। सोमवार को शिकायतों पर फैसला हो सकता है।
शिकायतों के मुताबिक, डेढ़ दर्जन ऐसे मंडल हैं, जहां पर अध्यक्ष बनने के लिए पदाधिकारियों ने खुद की उम्र घटाकर बताई है। इसके बाद 18 मंडलों के आधिकारिक तौर पर चुनाव ही निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा सिवनी से हैं।
मंडल अध्यक्ष के लिए ये क्राइटेरिया तय थे बीजेपी ने मंडल अध्यक्षों के लिए 45 साल से कम उम्र का क्राइटेरिया तय किया था। इसके अलावा ऐसे कार्यकर्ताओं को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाने के निर्देश थे, जिनका आपराधिक रिकाॅर्ड है। जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है या जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी की है।
जानिए, कहां-क्या शिकायत हुई
खंडवा: बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि रायशुमारी तो नाममात्र थी। विधायक, सांसद की पसंद से ही मंडल अध्यक्ष बनाए गए हैं। कांग्रेस से भाजपा में आकर विधायक बनीं छाया मोरे ने अपने करीबी और पूर्व कांग्रेसी जगराम यादव को गुड़ी मंडल अध्यक्ष बनवा दिया। फकीरचंद कुशवाह को पंधाना मंडल अध्यक्ष बनाया है। उनकी उम्र मार्कशीट, आधार, समग्र सहित सभी दस्तावेजों में 48 साल है जबकि संगठन ने मंडल अध्यक्ष के लिए अधिकतम 45 साल की उम्र तय कर रखी है। अन्य दावेदारों ने इसकी शिकायत संगठन मंत्री हितानंद शर्मा से की है। शिकायतकर्ताओं ने कहा कि यदि संगठन स्तर से नियुक्ति को अयोग्य घोषित नहीं किया जाता है तो कोर्ट का रुख भी करेंगे।
निवाड़ी: ओरछा के मंडल अध्यक्ष बनाए गए पुष्पेंद्र सेन को लेकर पार्टी पदाधिकारियों ने संगठन से शिकायत की है। कहा है कि पुष्पेंद्र की एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में फोटो वायरल हुई हैं। निवाड़ी जिले के तरीचर कलां मंडल अध्यक्ष के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर प्रदेश संगठन के पास शिकायत पहुंची है।
शहडोल: जिले के 19 में से 16 मंडल अध्यक्षों की घोषणा हो चुकी है। 6 मंडल अध्यक्ष रिपीट किए जाने का कार्यकर्ता विरोध जता रहे हैं। उनका आरोप है कि वर्तमान मंडल अध्यक्ष 5 साल से ज्यादा का कार्यकाल पूरा कर चुके थे। इसके बाद उन्हें दोबारा मंडल अध्यक्ष बना दिया है। इसी प्रकार का विरोध अन्य मंडलों में भी जारी है। बुढार, ब्यौहारी और सोहागपुर मंडल में गुटबाजी के कारण अभी तक अध्यक्षों के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है।