भोपाल रेलवे स्टेशन पर 5 महीने से डिस्पेंसरी बंद:20 से ज्यादा मरीजों को मिल रही थी सुविधा

Updated on 24-12-2024 01:25 PM

भोपाल रेलवे स्टेशन पर करीब 5 महीने से मेडिकल डिस्पेंसरी बंद पड़ी है। रेलवे के अनुसार इसे जनवरी महीने में फिर से शुरू किया जाएगा। साल 2019 से 2024 के बीच तीसरी बार है। जब यह इमरजेंसी कक्ष बंद हो गया है।

पहली बार साल 2019 में शुरू की गई थी। फिर उसके बाद बंद हो गई थी। इसके बाद 2022 में यह डिस्पेंसरी दोबारा शुरू की गई और यह पिछले 5 महीने से बंद पड़ी है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, गेलेक्सी अस्पताल टाइटल को लेकर शहर में दो अस्पतालों में लंबे समय से विवाद चल रहा था। जिसके बाद दोनों का मामला कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद रेलवे ने करार रद्द कर दिया। करीब 5 महीने से यह डिस्पेंसरी बंद हैं।

बता दें कि, इसमें रोजाना 20 से ज्यादा मरीजों को सुविधा मिल रही थी। अब सीधा नुकसान उन यात्रियों को हो रहा है, जिन्हें सफर के दौरान प्राथमिक उपचार की जरूरत होती है। इमरजेंसी में अब रेलवे अधिकारियों को निशातपुरा रेलवे अस्पताल की मदद लेनी पड़ती है। ऐसे में डॉक्टर्स को यहां पहुंचने में 15 मिनट से आधे घंटे का समय लगता है।

2019 में शुरू हुई थी पहली बार यह सुविधा

जानकारी के अनुसार, साल 2019 में इमरजेंसी सुविधा कक्ष की शुरुआत भोपाल रेल मंडल द्वारा की गई थी। फिर कोविड के समय यह सुविधा बंद हो की गई थी। भोपाल स्टेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल स्टेशन पर रोजाना ऐसे 5-7 केस आते थे। जिनको इमरजेंसी सुविधाओं की जरूरत होती है। महीने भर में यह आंकड़ा 200 के पार होता है।

तीन शिफ्ट में डॉक्टर रहते थे तैनात स्टेशन पर बने इमरजेंसी मेडिकल रूम पर 24 घंटे तीन शिफ्ट में एक डॉक्टर और एक फार्मासिस्ट ड्यूटी पर रहते थे। ऐसे में स्टेशन पर होने वाली किसी प्रकार मेडिकल इमरजेंसी होने पर तत्काल फर्स्ट ऐड दिया जा सकता था। इमरजेंसी मेडिकल रूम के बंद होने के बाद स्टेशन पर मौजूद मरीज यात्रियों को इमरजेंसी में भी इलाज मिलने में आधा घंटा लग जाता है।

भोपाल स्टेशन पर जल्द शुरू होगी मेडिकल डिस्पेंसरी रेलवे अधिकारी ने बताया कि मेडिकल डिस्पेंसरी सुविधा जल्द ही यात्रियों के लिए शुरू की जा रही है। किन्हीं कारणों से यह बंद थी, यात्रियों को असुविधा नहीं हो इसके लिए रेलवे अस्पताल से डॉक्टर्स को बुलाया जा रहा है।

भोपाल स्टेशन पर रेलवे की मेडिकल टीम ने काटा गर्भनाल; हमीदिया भेजा

मुंबई से सीतापुर जा रही 12107 लोकमान्य तिलक-सीतापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में महिला यात्री ने बेटे को जन्म दिया। गर्भनाल नहीं कटने की वजह से मां-बेटे दोनों की जान पर बन आई। ट्रेन के भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंचने पर, रेलवे हॉस्पिटल की टीम ने कोच में जाकर महिला और नवजात को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की। गर्भनाल काटकर महिला और बच्चे की जान बचाई। व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की मदद से महिला को ट्रेन से उतारकर हमीदिया अस्पताल भेजा गया। यहां से इलाज मिलने के बाद परिवार एम्बुलेंस से कानपुर के लिए रवाना हो गया।


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