भिवानी । एक
ओर तो खेल
को बढ़ावा दिये
जाने के दावे
सरकार करती है।
वहीं विडंबना यह
है कि तीन
साल बाद भी
विजेताओं को घोषित
इनामी राशि भी
नहीं मिल पा
रही है। महिला
पहलवान नीतू व
साक्षी ने साल
2017 व 2018 में गोहाटी
व हंगरी में
हुई विश्व महिला
बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण
जीत कर देश
का गौरव बढ़ाया
था पर इन
दोनो ही खिलाड़ियों
के कोच का
कहना है कि
विश्व चैंपियन के
लिए 20 लाख रुपये
का जो ईनाम
प्रदेश सरकार द्वारा दिया
जाता था वह
भी आज तीन
साल के बाद
आधा ही दिया
जा रहा है।
नीतू व साक्षी
का कहना है
कि तीन साल
बाद उनके 20-20 लाख
रुपये ईनाम राशी
स्वीकृत तो हुई
पर अब एक
महिने से भी
ज्यादा समय से
ईनामी राशी के
चैक का भुगतान
नहीं हो रहा
है। वहीं इनके
गुरू जगदीश ने
दुख जाहिर करते
हुए कहा कि
प्रदेश सरकार ने युवा
वर्ग पुरस्कार राशी
20 लाख से घटा
कर 10 कर दी।
इसके बाद भी
चैक का भुगतान
नहीं किया जा
रहा। उन्होंने कहा
कि पूरा सिस्टम
ऑनलाईन है, ऐसे
में ऑनलाई का
फायदा तो तब
होता जब एक
दो दिन में
चैकों का भुगतान
होता। उन्होंने कहा
कि इससे सो
ऑफलाईन सिस्टम बेहतर था.
तय समय पर
भुगतान तो होता
था। कोच जगदीश
ने बताया कहा
कि देर से
मिला न्याय व
ईनाम भी अन्याय
जैसा है।