नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर
लीग (आईपीएल) को
दुनिया की सबसे
महंगी क्रिकेट लीग
का दर्जा प्राप्त
है। देश और
दुनिया के तमाम
धाकड़ बल्लेबाज टूर्नामेंट
में उतरते हैं।
हालांकि, कुछ ही
खिलाड़ी हैं, जो
अपनी छाप आईपीएल
में छोड़ पाए
हैं। ये प्रतियोगिता
काफी मुश्किल कही
जाती है, क्योंकि
इसमें भारत के
ही नहीं, बल्कि
दुनिया भर की
अन्य टीमों के
खिलाड़ी भी खेलते
हैं। यही चीज
आइपीएल में सबसे
ज्यादा रोमांच पैदा करती
है। आइपीएल के
फाइनल के बाद
टूर्नामेंट में अच्छा
प्रदर्शन करने वालों
को इनाम के
तौर पर अवॉर्ड
दिए जाते हैं।
इसमें एक अवॉर्ड
ऑरेंज कैप भी
है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और आईपीएल की आयोजन समिति मिलकर एक निर्धारित रकम के साथ एक ऑरेंज कैप उस खिलाड़ी को देती है, जिसने लीग में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। अपने दमदार बल्लेबाजी के दम पर सिर्फ एक खिलाड़ी है,टूर्नामेंट का ऑरेंज कैप विनर होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भले ही आइपीएल इंडियन प्रीमियर लीग हो, लेकिन सिर्फ 3 बार ही ऐसा हुआ है,जब किसी भारतीय खिलाड़ी को ऑरेंजकैप मिली है। इनमें एक नाम महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का भी शामिल है,जिन्हें 2010 में ऑरेंज कैप मिली थी।
आईपीएल के 12 साल के इतिहास में अगर कोई खिलाड़ी सबसे ज्यादा बार ऑरेंज कैप हासिल करने में सफल हुआ है,तब ये नाम भारतीय नहीं, बल्कि विदेशी हैं। वेस्टइंडीज के तूफानी ओपनर क्रिस गेल और ऑस्ट्रेलियाई धाकड़ सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ही।वे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक से ज्यादा बार ऑरेंज कैप अपने नाम करने में सफलता प्राप्त की है।