भोपाल में 4, ग्वालियर में 2 और जबलपुर में एक जगह ईडी की कार्रवाई; जबलपुर में प्रेस लिखे वाहनों से पहुंचे, ग्वालियर में पर्यटक बन पहुंची टीम
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के 7 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छापे मारे। इडी ने भोपाल में 4, ग्वालियर में दो और जबलपुर में एक जगह कार्रवाई की। राजधानी में ईडी का फोकस अरेरा कॉलोनी के उस घर (ई-7/71) पर था, जिसे लोकायुक्त पुलिस ने छोड़ दिया था।
लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के सहयोगी शरद जायसवाल को आरोपी तो बनाया था, लेकिन उसके ठिकानों को छोड़ दिया था। शुक्रवार को ईडी ने शरद के अरेरा कॉलोनी स्थित (ई-8/99) घर पर भी छापा मारा। उधर जबलपुर में ईडी की टीम शुक्रवार सुबह 6 बजे सौरभ शर्मा के रिश्तेदार और बिल्डर रोहित तिवारी के शास्त्री नगर स्थित घर पहुंची। ईडी की टीम और सीआरपीएफ के जवान जिन वाहनों से आए थे, उस पर प्रेस लिखा हुआ था।
अनदेखी ऐसी कि ई-7 से ही निकली 54 किलो सोने और 11 करोड़ नकदी से भरी कार
ये सवाल जिन्होंने बढ़ाया संदेह का दायरा
सौरभ शर्मा के ई-7/78 स्थित आवास से महज सौ मीटर की दूरी पर उसके एक और मकान (ई-7/71) पर सर्चिंग शो नहीं की। जबकि, स्थानीय लोगों का दावा है कि 19 दिसंबर को यहां कुछ लोग आए थे और बाहर एक व्यक्ति कई घंटों तक बैठा रहा।
चेतन के घर और सौरभ के कार्यालय (ई-7/657) पर लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई की, लेकिन शरद के ई-8/99 स्थित घर पर कार्रवाई नहीं की गई, जबकि लोकायुक्त पुलिस ने शरद जायसवाल को भी आरोपी बनाया है।
दो डीएसपी ने संभाला था जांच टीमों का जिम्मा
लोकायुक्त पुलिस का दावा है कि 19 दिसंबर की सुबह 6 बजे दो टीमों ने सौरभ शर्मा के ई-7/78 स्थित आवास और ई-7/657 स्थित उसके कार्यालय पर छापामार कार्रवाई की थी। यहां चेतन सिंह गौर भी रहता है। दोनों जगहों से कुल 7.98 करोड़ रुपए की नकदी, चांदी, ज्वेलरी और अन्य कीमती वस्तुएं मिली थीं।
19 दिसंबर की रात में मेंडोरी-बेरखेड़ी गांव की सीमा पर खाली फार्म हाउस से एमपी-07 बीए-0050 कार से आयकर विभाग की टीम ने 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए बरामद किए थे। यह कार चेतन सिंह के नाम पर दर्ज है, लेकिन इसे सौरभ शर्मा ने खरीदा था।
सीसीटीवी फुटेज में सोने से लदी कार ई-7 अरेरा कॉलोनी से रवाना होते दिखी। सौरभ के घर के पास रहने वालों ने भी यह बात बताई। अब लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं।
लोकायुक्त पुलिस की छापामारी की जिम्मेदारी दो डीएसपी ने संभाली थी। हर टीम में चार से पांच इंस्पेक्टर और सात-आठ आरक्षक थे। साथ में दो-दो गवाह भी थे। डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने ई-7/78 और डीएसपी संजय शुक्ला ने ई-7/657 पर कार्रवाई की।
लोकायुक्त पुलिस ने 19 दिसंबर 2024 को सौरभ शर्मा के घर ई-7/78 में छापामारी की थी। इस दौरान ड्राइवर सौरभ के ई-7/71 मकान का ताला तोड़कर एक कार लेकर फरार हो गया था। शेष | पेज 10 पर
यह मकान सौरभ की मां उमा शर्मा के नाम था। घटना के वक्त लोकायुक्त पुलिस का ड्राइवर लंच करने गया हुआ था। रहवासियों ने बताया कि इस घटना की जानकारी उन्हें लोकायुक्त पुलिस के ड्राइवर ने दी थी।
ई-7/71 मकान अंडर कंस्ट्रक्शन था, और उमा शर्मा इस काम की मॉनीटरिंग करती थीं। यह मकान मार्च 2024 में खरीदा गया था। सीसीटीवी फुटेज में यह कार ई-7/71 और जयपुरिया स्कूल के पास पार्क होती थी।
ईडी कार्रवाई कर रही थी तब डाकिया पासपोर्ट लेकर आया
ईडी की टीमों ने शुक्रवार को सौरभ शर्मा के घर (ई-7/78) और अन्य स्थानों पर छापेमारी की। सौरभ के घर पर उसकी मां मौजूद थीं, और टीम ने कई कागजात और निवेश के दस्तावेज जब्त किए। सौरभ के मकान (ई-7/71) पर 8 घंटे तक जांच की गई, जहां रिनोवेशन का काम चल रहा था। तीसरी टीम ने सौरभ के कार्यालय और सहयोगी चेतन सिंह गौर के घर (ई-7/567) पर दबिश दी। चौथी टीम ने शरद जायसवाल के घर (ई-8/99) पर कार्रवाई की, जहां काली कमाई और संपत्तियों के दस्तावेज मिले। कार्रवाई के दौरान एक डाकिया पासपोर्ट लेकर आया, लेकिन दरवाजा नहीं खुलने पर वापस लौट गया। बताया जा रहा है कि पासपोर्ट सौरभ के बेटे का था।
ईडी ने ग्वालियर में सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर के ठिकानों पर छापेमारी की। सौरभ के प्रताप आश्रम स्थित कोठी और चेतन के घर से दस्तावेज जब्त किए गए। टीम ने सिटी सेंटर स्थित सौरभ के डांस स्टूडियो पर भी दबिश दी। जानकारी के मुताबिक, चेतन ने सौरभ के कारोबार में वाहन लगाए थे और सौरभ उसे 2.5 लाख रुपए महीना देता था।
ईडी ने बैंक स्टेटमेंट भी जब्त किया। सौरभ और उसकी पत्नी दिव्या दो साल पहले भोपाल शिफ्ट हुए थे, और उनका एक रिश्तेदार दुबई में रहता है। मोहल्ले वालों ने अतिक्रमण की शिकायत भी की।
सीआरपीएफ जवानों के साथ पहुंची ईडी टीम आयकर विभाग द्वारा पकड़े गए 54 किलो सोने और 11 करोड़ नकदी के बाद ईडी ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों की जानकारी तलब की थी। गुरुवार रात को ही ईडी के अधिकारी और टीमें एमपी नगर स्थित होटलों में रुकी थीं। वाहनों के ड्राइवरों को भी गुरुवार रात ही होटल में बुलवा लिया गया था। इधर, बंगरसिया स्थित सीआरपीएफ कैंप से महिला एवं पुरुष सुरक्षाकर्मियों को भी यहां बुलवाया गया था। जानकारी के मुताबिक ईडी के अधिकारी कई दिनों से सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों की कुंडली खंगाल रहे थे।