बिलासपुर । नगर निगम और राजस्व विभाग के बड़े अधिकारियों की मिली भगत से भू माफिया और बिल्डरों के हौसले किस कदर बढ़ चुके हैं,,इसका उदाहरण बहतराई में देखा जा सकता है।जहां सरकारी जमीन पर धड़ल्ले से बेजा कब्जा किया जा रहा है।जिसपर गंभीरता दिखाते हुए उक्त अलग अलग 6 मामले में अतिरिक्त तहसीलदार ने स्टे लगवाया दिया,,और विधिवत जांच पड़ताल के आदेश दिए। अतिरिक्त तहसलिदार शेष नारायण जायसवाल में कार्य भार सम्भालते ही एक्शन मूड पर नजर आ रहे है।दरअसल उन्होंने बहतराई क्षेत्र अंतर्गत अवैध रूप से शासकीय जमीनों का कब्जा करने वालों पर गुरुवार को जबरदस्त कार्यवाही किया,,साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा है।दरअसल उक्त कार्यवाही श्री नारायण ने क्षेत्रवासियों व पत्रकारों के शिकायत के आधार पर एवं राजस्व मंत्री के निर्देश पर की है।दरअसल बहतराई क्षेत्र अंतर्गत 6 अलग अलग बिल्डरों द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा था।इतना ही नही सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा कर बनाए गए जिन झोपडिय़ों को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था।उस पर बिल्डर ने ही बेजाकब्जा धारियों को नियम कायदों का पाठ पढ़ाकर उसपर बुलडोजर चला दिया और उसी जमीन पर कब्जा करते हुए निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया।इधर इसकी शिकायत होने पर तत्काल अतिरिक्त तहसीलदार शेष नारायण जायसवाल ने मामले में स्टे देते हुए विधिवत जांच पड़ताल एवं कार्यवाही के आदेश दे दिए।जांच पड़ताल एवं विधिवत कार्यवाही के शिकायत में पटवारी ने स्पष्ट किया था कि पहला सरकारी जमीन जिसके खसरा नंबर 297 / 1 पर कब्जाधारी रबिश सिंह ठाकुर,,इसी तरह दूसरा खसरा नम्बर 265/1 पर कब्जाधारी नागेंद्र गोस्वामी,,तीसरा खसरा नम्बर 20/1 पर कब्जाधारी हजारी सूर्यवंशी,,चौथे खसरा नम्बर 309/2,,जिसका रकबा 506 वर्गफुट पर कब्जाधारी सतीश सिंह,,पांचवे खसरा नम्बर 309/2,,जिसका रकबा 800 वर्गफुट पर छोटेलाल शर्मा,,इसी तरह छठवें खसरा नम्बर 53/1 पर साधराम यादव द्वारा कब्जा किया जा रहा था।जिस पर रसूखदार भू माफियाओं ने कब्जा जमाते हुए निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया था।लेकिन एक्शन मूड में इस पर तहसीलदार ने तत्काल स्टे आर्डर जारी कर दिया। वही उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री और कलेक्टर के निर्देश पर ऐसी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है,,जो आगे जारी रहेगी।इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि कई लोग झूठी शिकायत कर तत्काल कार्यवाही करने की जिद लगा बैठते है,,लेकिन उसका भी एक न्यायलयीन प्रावधान होता है।जिसकी प्रक्रिया से होकर गुजरने के बाद ही विधिवत जांच रिपोर्ट के बाद कार्यवाही की जाती है।इसी कड़ी में उक्त कार्यवाही इन्होंने गुरुवार को की।नायाब तहसीलदार ने बताया कि कब्जाधारी सतीश सिंह,,रबिश सिंह,,नागेंद्र गोस्वामी,,छोटेलाल शर्मा,,साधराम यादव और हजारी सूर्यवंशी इन छै तमाम दस्तावेजों की जानकारी लेकर स्पस्टीकरण मांगी जायेगी।जिसके आधार पर ही इनपर विधिवत कार्यवाही की जाएगी। बहरहाल जिसपर खानापूर्ति की कार्यवाही करते हुए निगम ने दिखावे के लिए जिन झोपडिय़ों पर बुलडोजर चलाया था,,उसी पर रबिश सिंह समेत अन्य ने कब्जा करना शुरू कर दिया था।जिसकी शिकायत क्षेत्रवासियों ने नायाब तहसीलदार से की।दरअसल बिल्डरों को नोटिस देने के बाद भी ना तो उनका निर्माण कार्य बंद हुआ और ना ही निगम ने दोबारा कोई कार्यवाही की।एक तरफ निगम ने यहां बड़ी संख्या में झोपडिय़ों को तो हटा दिया।वहीं कुछ झोपडिय़ों को निगम स्वयं हटाने के निर्देश दिए गए थे।लेकिन लोग उस वक्त हैरान रह गए जब अपने बेजा निर्माण को तोडऩे की जगह बिल्डर स्थानीय लोगों की झोपडिय़ां ही तोडऩे लगे।इधर इस मामले में बड़े अधिकारियों के संलिप्त होने की भी शिकायत मिली है।लेकिन जैसे ही यह खबर नायब तहसीलदार शेष नारायण जायसवाल को हुई उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसपर स्टे भी दे दिया और वही इसकी जांच के आदेश भी दे दिए गए। श्री जायसवाल ने स्पष्ट कहा है कि सरकारी जमीन पर किसी भी भूमाफियाओं या बिल्डर को अवैध कब्जा करने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व मंत्री और कलेक्टर के स्पष्ट निर्देश है कि इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाते हुए भू माफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी है।