विक्टोरिया । करीब बीस साल पहले विलुप्त करार दी गई 'जॉम्बी मछली' फिर से नजर आने लगी है। बैंगनी रंग की चकत्तेदार इस मछली गजन को वैज्ञानिक दोबारा खोना नहीं चाहते हैं। 20 साल पहले इसे विक्टोरिया में देखा गया था। उसके बाद इनमें से दो 2019 में मिडिल रीडी लेक में पाए गए थे। इस पर सदर्न पर्पल स्पॉटेड गजन अडवाइजरी ग्रुप की स्थापना की गई और वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स ने फौरन इसी प्रजाति के दूसरे जीव खोजने शुरू कर दिए।दो साल बाद ऐलान किया गया है कि 66 दूसरे जीव पाए गए हैं। विक्टोरिया के पर्यावरण, जमीन, जल और योजना विभाग के एड्रियन मार्टिंस का कहना है कि टीम राज्य के दूसरे हिस्सों में भी मछली की आबादी पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ यह इस मछली को वापस लाने का मौका है बल्कि उसकी आबादी बढ़ाने और फैलाने का भी जहां वे पहले पाई जाती थीं। जल प्रदूषण और कीड़ों के आने जैसे कारणों से इनकी आबादी पर असर पड़ा है। वैज्ञानिक इस मछली को छोटे जलाशयों में भेजेंगे जहां उन्हें ब्रीड किया जाएगा। बेहतर पानी और वेटलैंड में इन्हें बढ़ाया जाएगा। नॉर्थ सेंट्रल कैशमेंट मैनेजमेंट अथॉरिटी के पीटर रोज का कहना है कि मछली जहां रहती हैं वह बेहद खास इलाका होता है। ये मछलियां वेटलैंड स्पेशलिस्ट होती हैं और घनी झाड़ियों में रहते हैं। ये खास गजन 8-10 सेंटीमीटर की होती हैं। ये ऐसे पक्षियों का आहार बनती हैं जो छोटी मछलियां खाती हैं। रोज ने बताया, 'ये वेटलैंड स्पेशलिस्ट मछलियां गायब हो गई हैं और ये पानी के पक्षियों के लिए खाने का अहम स्रोत हैं। हम इन्हें वापस लाना चाहते हैं क्योंकि इनसे पानी के पक्षी भी वापस आएंगे।'