जिनेवा । कोविड-19 के घातक प्रभाव से जूझ रही दुनिया को कोरोना वैक्सीन का इंतजार है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि अगले साल 2021 के मध्य से पहले कोरोना की वैक्सीन आने की उम्मीद नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने चल रहे ट्रायल में प्रभावशीलता और सुरक्षा के महत्व पर बल दिया। डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गारेट हैरिस ने बताया, "वैक्सीन बनाने वाला कोई भी देश अब तक एडवांस ट्रायल में नहीं पहुंचा है। ऐसे में अगले साल मध्य से पहले तक व्यापक रूप से कोरोना की वैक्सीन की उपलब्धता की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।" उन्होंने कहा कि वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण लंबा होगा, इसमें हमें देखने की जरूरत है कि ये कितनी सुरक्षित है, और कोरोना से कितना बचा सकती है। डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने कहा कि अब तक के ट्रायल में किसी भी वैक्सीन ने कम से कम 50 फीसदी के स्तर पर प्रभावशाली होने के 'स्पष्ट संकेत' नहीं मिले हैं।
जहां एक ओर डब्ल्यूएचओ अगले साल कोरोना की वैक्सीन आने की बात कर रहा है। वहीं, रूस ने मानव परीक्षण के दो महीने से भी कम समय के बाद अगस्त में कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी दे दी। जिससे कुछ पश्चिमी विशेषज्ञों ने इसकी सुरक्षा और प्रभावकारिता पर सवाल उठाए। अमेरिका के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और फाइजर इंक ने गुरुवार को कहा कि अक्टूबर के अंत तक एक टीका वितरण के लिए तैयार हो सकता है। यह 3 नवंबर को अमेरिकी चुनाव से ठीक पहले होगा, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दूसरा कार्यकाल जीतने पर मतदाताओं के बीच महामारी होने की संभावना है। जिनेवा में एक यूएन ब्रीफिंग को हैरिस ने बताया, "हम वास्तव में अगले साल के मध्य तक व्यापक टीकाकरण आने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण में अधिक समय लगाना चाहिए। क्योंकि हमें यह देखने की जरूरत है कि टीका वास्तव में कितना सुरक्षात्मक है और यह कितना सुरक्षित है।"