जेनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कोरोना की उस थिअरी को अभी खारिज नहीं किया है कि वायरस वुहान की लैबरेटरी से निकला था। संगठन की टीम चीन पहुंची थी इस बात का पता लगाने के लिए कि वायरस का कहां से पैदा हुआ लेकिन यह मिशन फेल हो गया। हालांकि, ऐसी खबरें आई थीं कि टीम ने वायरस के लैब से लीक होने की थिअरी को नकारा था। चीन की डब्ल्यूएचओ टीम के लीडर पीटर एंबारेक ने कहा था कि इस बात की संभावना बेहद कम है कि वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी से वायरस निकला हो। अब डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ऐडनम ने कहा है कि बेहद जरूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया के बाद सभी थिअरी बरकरार हैं और इनके लिए ज्यादा अनैलेसिस और स्टडी की जरूरत है। ऐडनम का कहना है, 'कुछ सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसी थिअरी को नकारा गया है। टीम के सदस्यों से बात करके में पुष्टि करना चाहता हूं कि सभी थिअरी बरकरार हैं और इनके लिए आगे और अनैलेसिस और स्टडीज की जरूरत है।' इनमें से कुछ काम इस मिशन के स्कोप से बाहर हो सकता है। उन्होंने कहा, 'हमने हमेशा कहा है कि इस मिशन से सभी जवाब नहीं मिलेंगे लेकिन इससे हमारी जानकारी बढ़ी है जो हमें वायरस की उत्पत्ति के करीब ले जाएगी।'
चीन ने डब्ल्यूएचओ के जांचकर्ताओं को कोरोना वायरस के पहले मरीजों का डेटा देने से इनकार कर दिया जिससे पता लग सकता था कि वायरस कैसे और कहां फैलना शुरू हुआ था। खबरों के मुताबिक ये 179 मामले दिसंबर, 2019 में फैली महामारी में सबसे पहले पाए गए थे। टीम में शामिल ऑस्ट्रेलियन एक्सपर्ट के मुताबिक उन्हें कुछ मामले बताए गए लेकिन जांच के लिए जरूरी सभी मामले नहीं। ऐसे में डेटा से कोई मतलब निकालना मुश्किल हो जाता है। वुहान पहुंचे डब्ल्यूएचओ के जांच दल ने कहा था कि वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरॉलजी से वायरस फैलने की थिअरी पर आगे जांच की सलाह नहीं दी जाएगी। टीम ने चीन के उस दावे का भी समर्थन किया कि कोरोना वायरस चीन के बाहर से फैला था और ऑस्ट्रेलिया से आयातित फ्रोजेन बीफ वुहान में कोरोना के प्रसार की वजह हो सकता है।