काराकस । दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला की बदहाल अर्थव्यवस्था के चलते यहां भुखमरी के हालात हैं। भयंकर मुद्रास्फीति से निपटने के लिए यहां की सरकार ने 10 लाख बोलिवर का नया करेंसी नोट जारी किया है। इससे पहले दुनिया के किसी भी देश ने इतना बड़ा करेंसी नोट नहीं छापा है। वेनेजुएला के वर्तमान मुद्रास्फीति के अनुसार, 10 लाख बोलिवर की कीमत आधा अमेरिकी डॉलर (करीब 36 रुपये) होगा। इतने में तो भारत में आधा लीटर पेट्रोल भी नहीं आएगा। कभी तेल के बूते अगाध संपन्नता देखने वाले वेनेजुएला में लोग अब भूखों मर रहे हैं। रुपये में अवमूल्यन का आलम यह है कि लोग बैग और बोरों में भरकर नोट लेकर जाते हैं और हाथ में टंगी पालीथीन में घर के लिए सामान खरीदकर लाते हैं। वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए इतने बड़े करेंसी नोट को जारी करना पड़ा है। अगले हफ्ते में दो लाख बोलिवर और पांच लाख बोलिवर के नोट भी जारी किए जाएंगे। वर्तमान में वेनेजुएला में 10 हजार, 20 हजार और 50 हजार बोलिवर के नोट प्रचलन में हैं। वेनेजुएला में भारत के 1 रुपये की कीमत 25584.66 बोलिवर है।
पिछले साल एक रिपोर्ट में बताया गया ता कि वेनेजुएला की सरकार जल्द ही 10 लाख बोलिवर (वहां का रुपया) का नोट छापने जा रही है। इसके लिए इटली की एक फर्म से 71 टन सिक्योरिटी पेपर का आयात किया गया है। इस फर्म का स्वामित्व इटली की कंपनी बैन कैपिटल के पास है, जो दुनिया के कई देशों को सिक्योरिटी पेपर का निर्यात करती है। कस्टम की रिपोर्ट में सिक्योरिटी पेपर को मंगाए जाने की बात का खुलासा हुआ है। वेनेजुएला में 10 लाख बोलिवर के नोट अब सबसे बड़े मूल्यवर्ग का नोट बन गए हैं। हालांकि इसकी कीमत तब भी आधा यूएस डॉलर ही है। इतने रुपये में यहां केवल दो किलो आलू या आधा किलो चावल ही खरीद पाएंगे। वहां की सरकार लोगों को सहूलियत देने के लिए बड़े मूल्यवर्ग के नोटों को छापने की योजना बना रही है। जिससे आम लोग बड़ी संख्या में नकदी को लेकर जाने से बचेंगे।
कोरोना वायरस लॉकडाउन और तेल से मिलने वाले पैसों के खत्म होने से वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था लगातार सातवें वर्ष मंदी में है। आशंका जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक इस देश की अर्थव्यवस्था 20 फीसदी सिकुड़ जाएगी। भ्रष्टाचार के कारण इस देश की अर्थव्यवस्था और बदतर होती जा रही है। इस समय वेनेजुएला में भ्रष्टाचार इतना अधिक है कि आपको पैदल चलने के लिए रिश्वत भी देनी पड़ सकती है। वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था की हालत अब यह हो गई है कि देश को सोना बेचकर सामान खरीदना पड़ रहा है। वेनेजुएला में लाखों लोग भूखे पेट सोते हैं। क्योंकि उनके पास खाने के लिए भोजन नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला में लगभग 700,000 लोग ऐसे हैं जिनके पास दो वक्त का खाना खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। यूनाइटेड नेशन फूड प्रोग्राम एजेंसी ने फरवरी में कहा था कि वेनेजुएला के हर तीन में से एक नागरिक के पास खाने के लिए भोजन नहीं है। वर्तमान समय में कोरोना के कारण हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2013 के बाद लगभग 30 लाख लोग अपने देश को छोड़कर पड़ोसी देश ब्राजील, कंबोडिया, इक्वाडोर और पेरू में शरण लिए हुए हैं। हालात यहां तक खराब हैं कि इन देशों ने वेनेजुएला की सीमा पर अपनी फौज को तैनात किया हुआ है। वर्तमान समय में यह दुनिया के किसी देश में हुआ सबसे बड़ा विस्थापन है।