वेस्ट बैंक । अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल-हमास के बीच संघर्ष के बाद बुरी तरह से तबाह गाजा की मदद का आश्वासन दिया है। ब्लिंकन ने फिलिस्तीन को अतिरिक्त मदद मुहैया कराने, यरुशलम में फिर से वाणिज्य दूतावास खोलने और इजरायल के पक्ष में पिछले अमेरिकी प्रशासन के रुख से अलग संबंधों को बहाल करने पर जोर दिया। ब्लिंकन के रुख से इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नाखुश दिखाई दिए। ब्लिंकन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी नेतन्याहू की नाराजगी साफ दिखी।असल में, इजरायल और हमास के चरमपंथियों के बीच 11-दिन चले संघर्ष से हुई मौतों, मलबे में तब्दील हो चुकी इमारतों की तस्वीर इजरायल और फिलिस्तीनियों दोनों के दिमाग में अब भी ताजा हैं। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री की ये पहल अमेरिका की तटस्थ भूमिका को स्थापित करने की कोशिश है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों से इतर बाइडन प्रशासन फिलिस्तीन की मदद के लिए आगे आया है। तत्कालीन ट्रंप प्रशासन ने फिलिस्तीन प्राधिकरण से राजनीतिक संवाद और फिलिस्तीनियों को मिलने वाली मदद को बंद कर दिया था, लेकिन इससे अलग रुख अपनाते हुए बाइडन प्रशासन ने फिलिस्तीन की मदद का फैसला किया है। यह अमेरिका की नीति में तेजी से आए बदलाव को दिखाता है। लेकिन इसमें बड़े जोखिम भी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिस्तीनियों के साथ संबंधों को फिर से बहाल करने से मध्य पूर्व में अमेरिका ने अपने सबसे विश्वसनीय सहयोगी इजरायल को नाराज करने का खतरा मोल ले लिया है।इजरायल के नेता पहल से ही ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर से शामिल होने के बाइडन प्रशासन के प्रयासों को लेकर चिंतित हैं। इजरायल ईरान के परमाणु कार्यक्रम का लंबे समय से विरोध करता रहा है। ब्लिंकन ने यरुशलम और रामल्लाह में एक दिन में कई बैठकें कीं। इस दौरान वह बार बार हमास और इज़रायल के बीच संघर्ष में नागरिकों की दुखद मौतों पर जोर देते रहे।