लंदन । हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि बेटा बड़ा होकर उनका सहारा बने। लेकिन, लंदन में रह रहे 41 साल के फैज सिद्दीकी ने अपने पैरेंंट्स से ही ताउम्र खर्चा (भरण-पोषण) देने की मांग करते हुए केस दायर कर दिया है। फैज दुबई में रहने वाले जावेद (71) और रक्षंदा (69) का बेटा है। प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल करने के बावजूद फैज पिछले लगभग 10 साल से बेरोजगार है। उसका कहना है कि वह ट्रेंड लॉयर है। 2011 से उसने काफी कोशिश की, लेकिन कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल पाई। ऐसे में माता-पिता के अलावा उसका कोई सहारा नहीं है और उन्हें ही उसकी पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी।
मानवाधिकारों का हवाला दिया
फैज ने दलील दी है कि वह सेहत की परेशानियों के चलते कमजोर वयस्क बच्चे के रूप में गुजारे का दावा करने का हकदार है। उसे रोकना उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा। हालांकि, उसकी इस अपील को फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उसने हाई कोर्ट का रुख किया। उधर, पैरेंट्स के वकील जस्टिन वारशॉ का कहना है कि 'फैज सेंट्रल लंदन में पिछले 20 सालों से अपने पैरेंट्स के हाइड पार्क वाले घर में रह रहा है। इसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपए है। पढ़ाई से लेकर उसका अब तक का तमाम खर्च उसके पेरैंट्स ही उठाते आए हैं। वे अब तक फैज को हर हफ्ते करीब 40 हजार रुपए खर्च के लिए देते रहे हैं।