जेनेवा । वैश्विक निगरानी की शीर्ष संस्था संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर गंभीर चिंता जताई और कहा कि पिछले वर्ष की हजारों घटनाओं ने असहिष्णुता, रूढ़िवादिता और दुर्व्यवहार के ‘सदियों लंबे इतिहास’ को कायम रखा। अटलांटा में और उसके आसपास इस महीने गोलीबारी की कुछ घटनाएं होने की पृष्ठभूमि में गुतारेस का बयान आया है। इन घटनाओं में आठ लोगों की मौत हुई, जिनमें से छह एशियाई मूल की महिलाएं थीं। महासचिव के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि गुतारेस ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान एशियाई और एशियाई मूल के लोगों के खिलाफ बढ़ी हिंसा को लेकर काफी चिंतित हैं।’
उन्होंने कहा, ‘दुनिया ने भयावह हमले, मौखिक और शारीरिक उत्पीड़न, स्कूलों में एक-दूसरे को परेशान करना, कार्यस्थल पर भेदभाव, मीडिया तथा सोशल मीडिया मंचों पर घृणा के लिए उकसाना और शक्तिशाली पद पर काबिज लोगों की भड़काऊ भाषा को देखा।’ गुतारेस ने कहा कि कुछ देश महिलाओं के प्रति द्वेष भी फैला रहे हैं, खासकर एशियाई महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘पिछले वर्ष की हजारों घटनाओं ने असहिष्णुता, रूढ़िवादिता और दुर्व्यवहार के ‘सदियों लंबे इतिहास’ को कायम रखा।’ पीड़ितों और उनके परिवार के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए गुतारेस ने कहा कि वह उन सभी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं, जो नस्लवाद और अपने मानवाधिकारों पर अन्य हमलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनौती भरे समय में हम सभी को गरिमा बनाए रखनी चाहिए।