दुबई। संयुक्त अरब अमीरात में चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन साइनोफार्म के दो डोज लगवाने वाले लोगों को तीसरा लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके बाद चीन की वैक्सीन की क्षमता पर सवालों के बादल मंडराने लगे हैं। यूएई के नैशनल इमरजेंसी क्राइसिस एंड डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉर्टी ने कहा, 'जिन लोगों को साइनोफार्म वैक्सीन लगी है, उनके लिए एक अतिरिक्त सहायक डोज मौजूद है। ऐसे लोगों के दूसरी डोज लेने के 6 महीने पूरे हो गए हैं। चीनी कंपनी साइनोफार्म के ऊपर इस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन का हाथ है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएई ने कुछ ऐसे लोगों को कोरोना वायरस की तीसरी डोज लगाई है जिनके अंदर चीनी वैक्सीन लगाने के बाद एंटीबॉडी नहीं पैदा हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि चीनी वैक्सीन की प्रभावी क्षमता सभी उम्र के लोगों पर करीब 79 प्रतिशत है। इस बीच अन्य वैक्सीन निर्माता भी वैक्सीन के बूस्टर डोज को बनाने में लगे हुए हैं। दरअसल, कंपनियों का मानना है कि वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है और उससे निपटने के लिए समय-समय पर हमें बूस्टर डोज की जरूरत होगी। दुनिया में यूएई कुछ उन चुनिंदा देशों में शामिल था जिसने बहुत तेजी से कोरोना वैक्सीन लगाना शुरू किया था। यूएई अब तक एक करोड़ 15 लाख लोगों को वैक्सीन लगा चुका है। देश में संक्रमण के मामलों की दर भी घटकर काफी कम हो गई है। यूएई में फाइजर और ऐस्ट्राजनेका की भी वैक्सीन लगाई जा रही है लेकिन साइनोफार्म की वैक्सीन को सेशेल्स में भी 60 फीसदी लोगों को लगाई गई थी पर वहां भी कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं।