वेल्स । वेल्स में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आए हैं, जिसने कोरोना के खौफ में जी रहे लोगों को सहमा दिया है। जिन दो लोगों में मंकीपॉक्स के मामलों की पहचान हुई है, वे दोनों एक ही घर में रहते हैं। उसने बताया कि ये दोनों विदेश में संक्रमित हुए। बता दें कि मंकीपॉक्स पुराना वायरस है, जो ज्यादातर अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। बताया जा रहा है कि दोनों संक्रमित लोगों को इंग्लैंड में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से एक को छुट्टी मिल गई और एक अब भी अस्पताल में भर्ती है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड भी हालात पर नजर बनाए हुए है। स्वास्थ्य सुरक्षा में पब्लिक हेल्थ वेल्स के सलाहकार रिचर्ड फर्थ ने कहा कि ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के पुष्ट मामले एक दुर्लभ घटना है और इस वायरस से आम जनता के लिए जोखिम बहुत कम है। उन्होंने आगे कहा कि हमने परीक्षण किए गए प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए बहु-एजेंसी सहयोगियों के साथ काम किया है और संक्रमित के सभी करीबी संपर्कों की पहचान की है।
आगे संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए यह कार्रवाई की गई है। मंकीपॉक्स वायरस काफी हद तक स्मॉलपॉक्स के वायरस की तरह ही होता है। हालांकि यह बीमारी घातक नहीं होती और विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण की संभावना कम है। यह वायरस ज्यादातर उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के पास, मध्य और पश्चिम अफ्रीकी देशों के दूरदराज के हिस्सों में ही फैलता है। इस मंकीपॉक्स वायरस के दो मुख्य प्रकार हैं- पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी। मंकीपॉक्स वायरस के मामले में शुरुआत में बुखार, सिरदर्द, सूजन, कमर में दर्द, मांसपेशियों में अकड़न और दर्द होता है। इसमें भी चिकनपॉक्स की तरह ही दाने होते हैं।
एक बार जब बुखार हो जाता है तो शरीर में दाने विकसित होने लगते हैं, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं और फिर शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं। मंकीपॉक्स कभी-कभी अधिक गंभीर हो सकता है और पश्चिम अफ्रीका में इससे कई मौतें भी हुई हैं।मंकीपॉक्स वायरस के अधिकांश मामले हल्के होते हैं, कभी-कभी चेचक के समान होते हैं और कुछ ही हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं। इसमें आमतौर पर हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों में दाने होते हैं। यह मंकीपॉक्स वायरस 14 से 21 दिनों तक रहता है।