ई-ऑफिस दरअसल ऑनलाइन प्रणाली है। इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कंप्यूटर पर बैठकर अपनी फाइलें निपटाएंगे। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन सी फाइल किस के पास लंबित है। पुरानी नस्तियों को भी इसमें ढूंढा जा सकेगा। इससे शासकीय कार्य तेजी से संपादित हो सकेंगे। उच्च स्तर पर इसकी मानिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी।
मंत्रालय में ई आफिस व्यवस्था होगी लागू, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए मैन्युअल ही चलेगी फाइलें। ई- फाइलों के माध्यम से ही शासकीय कामकाज होंगे। मैन्युअल फाइल की व्यवस्था को पूरी तरह से बंद किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के हस्ताक्षर की कापी कर इसका दुरुपयोग न किया जा सके।
अधिकारियों के टेबल पर फाइलों के अंबार वाली व्यवस्था बंद की जाएगी। इसी तरह मध्य प्रदेश कैबिनेट के लिए बनने वाले प्रस्ताव भी आनलाइन तैयार होंगे। भोपाल स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालय यानि संचालनालय भी ई-ऑफिस से जुड़ गए हैं। जल्द ही संभागीय एवं जिला कार्यालय भी ई-ऑफिस व्यवस्था से जोड़े जाएंगे।