दुबई । कोझीकोड विमान हादसे में बाल-बाल बचे दुबई से एयर इंडिया की उड़ान में आखिरी सीट पर बैठे मुहम्मद जुनैद ने बताया कि नीचे उतरने के प्रयास में विमान चारों तरफ घूम गया और फिर रनवे को छू गया। यह फ्लाइट दक्षिणी भारतीय शहर कोझीकोड के पास पहुंचने पर तेज हवाओं से घिर गई। उसके बाद धीमा होने के बजाय बोइंग-737 ने तेज गति पकड़ ली जिसके कारण विमान ने तेज बारिश के कारण फिसलन भरे रनवे पर तेजी से आगे निकल गया और एक तेज ढलान से नीचे गिरा और दो हिस्सों में टूट गया। यह पूरी घटना मात्र 15 सेकंड में घट गई थी। जुनैद और उन जैसे ही कई लोग जो उस विमान में सफर कर रहे थे, मिडिल ईस्ट देशों में काम करते थे और जिनका कोरोना महामारी के कारण वेतन आधा कर दिया गया था। इसी वजह से इन लोगों को मिडिल ईस्ट से मजबूर होकर लौटना पड़ा। लेकिन इन लोगों की किस्मत कि वहां से लौटे तो यहाँ आकर विमान हादसे का शिकार बनते बनते बचे। इन लोगों को कोई बड़ी चोट नहीं आई है। इस हादसे में जुनैद का सर जहाज की छत से टकराने के कारण चोटिल हुआ है और होंठों को दांत में दबा लेने के कारण उनमें थोड़ा खून आ गया था। 25 साल के जुनैद तीन साल पहले एक ट्रेडिंग फर्म में अकाउंटेंट के रूप में काम करने के लिए दुबई गए थे और वहां से वे एक महीने में लगभग 4,000 दिरहम (1,000 डॉलर) अपने घर भेजते थे। कोरोना के कारण उनकी फर्म का काम बंद होने लगा तो उनका वेतन आधा कर दिया गया जिससे उन्हें घर रूपये भेजने में कठिनाई होने लगी। उन्होंने बताया कि अपने चार सदस्यीय परिवार में वे एकमात्र कमाने वाले हैं। जुनैद के मालिक ने उन्हें दो या तीन महीने की छुट्टी लेने और सब कुछ ठीक होने पर वापस आने के लिए कहा। भारत ने मार्च में अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ बंद कर दी थीं जिस कारण जुनैद वापिस नहीं आ पा रहे थे। जुनैद ने बताया कहा कि उन्होंने मई में भारत सरकार के प्रत्यावर्तन उड़ान कार्यक्रम के लिए पंजीकरण किया था लेकिन दो महीने तक कोई सुनवाई नहीं हुई। 1 अगस्त को उन्हें बताया गया कि दुबई और केरल राज्य के बीच उड़ानें उपलब्ध होंगी। कोझीकोड केरल में स्थित है जहाँ हादसा हुआ है। जुनैद ने कहा कि मैं लगभग दो साल बाद भारत वापस आ रहा था, इसलिए मैं अपने परिवार और सभी से मिलने के लिए बहुत उत्साहित था।